भाजपा के बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय द्वारा खुलेआम निगम अधिकारी से मारपीट करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. बुधवार को इस घटना के बाद नगर निगम ने भी अपने तेवर सख्त कर दिए हैं. इंदौर नगर निगम के इस मामले में 21 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. इन पर आरोप है कि इन लोगों ने बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय का साथ दिया था.
इसके साथ ही बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय पर कार्रवाई की मांग भी जोर पकड़ने लगी है. विधायक की गुंडागर्दी के विरोध में इंदौर नगर निगम में कर्मचारियों ने काम ठप्प कर दिया है और सड़क पर उतर आए हैं. निगम के सभी विभागों के कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ विरोध जताया. खास बात यह है कि इस मामले में सफाई देने और अपने बिगड़े विधायक बेटे की गलती मानने की बजाय भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अपने बेटे का बचाव करने में जुटे हैं.

गौरतलब है कि आकाश विजयवर्गीय इंदौर 3 से बीजेपी विधायक है. उसने बुधवार को गंजी कंपाउंड इलाके में नगर निगम की टीम के काम में बाधा डाला. नगर निगम की टीम एक जर्जर मकान ढहाने गयी थी. लोग इसका विरोध कर रहे थे. उसी दौरान आकाश भी अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंच गया और कार्रवाई का विरोध करने लगा. उसने खुलेआम अधिकारियों को चेतावनी भी दी. उसकी गुंडागर्दी यहीं नहीं रुकी बल्कि उसने निगम की जेसीबी मशीन की चाभी निकाल ली. आकाश विजयवर्गीय और निगम अधिकारियों के बीच इस दौरान तीखी बहस हुई. उसके बाद आकाश ने बैट उठाया और सरेआम गुंडागर्दी दिखाते हुए नगर-निगम के अफसर को पीटना शुरू कर दिया.
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