लखनऊ। मौजूदा सरकार पर तरह-तरह के आरोप लगते जा रहे हैं और विपक्षी पार्टी काग्रेंस समय समय पर बीजेपी को घेरती रहती है. ताजा बयान में उत्तर प्रदेश कांग्रेस श्रम प्रकोष्ठ ने केंद्र की नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार पर ईस्ट इंडिया कम्पनी की तर्ज पर व्यापार की तरह सरकार चलाने का आरोप लगाया है. चेयरमैन इरशाद अली ने एक बयान में कहा कि जिस तरह अंग्रेज आजादी से पहले भारतीयों से भूखे पेट चप्पू चलवाते थे, उसी तरह देश-प्रदेश की सरकारें आज आम जनता को आधे महीने से कम का भोजन दे कर उन्हें भूखे पेट मरने को मजबूर कर रही हैं, इस सरकार में गरीब सताये जा रहे हैं तो अमीरों की मौज ही मौज है.
बता दें की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आम उपभोक्ताओं को हर महीने प्रति कार्ड 5 से 7 किलो अनाज दिया जा रहा है, जो किसी भी परिवार के महीने भर का भोजन नहीं हो सकता. उसमें भी कोटेदार की घटतौली भी जारी रहती है. काग्रेंसी नेताओं ने कहा कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार तथा कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने वर्ष 2013 में भोजन का अधिकार कानून बनाकर गरीबों के लिए 2 रुपये किलो गेहूं तथा 3 रुपये किलो चावल और 1 रुपये किलो मोटा अनाज उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराया था. लेकिन आज की भाजपा सरकारें उक्त कानून का अनुपालन कराने में औपचारिकता ही पूरी कर रही हैं, जो ईस्ट इंडिया कम्पनी के कानून जैसा साबित हो रहा है.
नेताओं ने राष्ट्रपति और राज्यपाल से राशन वितरण में हो रही गड़बडिय़ों का संज्ञान लेकर प्रति व्यक्ति खुराक का आंकलन कराकर राशन उपलब्ध कराने की मांग की जिससे की गरीब रेखा से नीचे जीवन जी रहे लोगों में भूखमरी की स्थिति पैदा न हो.
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