जन्मदिन विशेषः जानिए क्यों 2008 तक अमेरिका के आतंकियों के लिस्ट में थे नेल्सन मंडेला

Nelson Mandela

अब्राहम लिंकन और मार्टिन लूथर किंग के विचारों को मानने वाले नेल्सन मंडेला को अफ्रीका के गांधी के नाम से भी जाना जाता है. 18 जुलाई 1918 को मंडेला का जन्म बासा नदी के किनारे ट्रांस्की के मवेंजो गाँव में हुआ था.

चलिए जानते है मंडेला से जुड़ी कुछ अनसुनी बातों के बारे में…

  • मंडेला के माता-पिता ने उनका नाम रोहिल्हाला रखा था, मंडेला को नेल्सन नाम उनके टीचर ने दिया था.
  • महज 12 साल की उम्र में मंडेला के पिता कि मौत हो गई थी.
  • मंडेला अपनी फैमली में स्कूल जाने वाले इकलौते बच्चे थे.
  • नेल्सन मंडेला ने अपने कॉलेज के दिनों से ही भेदभाव की लड़ाई शुरु कर दी थी. जिसके चलते उनको कॉलेज से निकाल दिया था.
  • 1944 में मंडेला African National Congress में शामिल हो गए थे. वह दिन भर कहीं छिपे रहते थे और केवल रात में ही बाहर आते थे. इस वजह से मीडिया ने उनको ‘द ब्लैक पिमपर्नल’ नाम दिया था.
  • अगस्त 1962 में मजदूरों को हड़ताल के लिए उकसाने के कारण उन पर 2 साल केस चला. 12 जुलाई 1964 को उनको उम्रकैद कि सज़ा सुनाई गई. 27 साल की कैद में नेल्सन मंडेला हमेशा पतली चटाई पर सोते थे.
  • 10 मई 1994 को नेल्सन मंडेला साउथ अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने.
  • मंडेला ने 80 साल की उम्र में मोजाम्बिक की प्रथम महिला ग्रासा माकेल से शादी की थी.
  • मंडेला भारत रत्न पाने वाले दूसरे विदेशी नगरिक थे.
  • 2008 तक भी नेल्सन मंडेला का नाम अमेरिका की आतंकियों की लिस्ट में था. ऐसा इसलिए क्योंकि वो और अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस के अन्य नेता एक समय पर रंगभेद के खिलाफ लड़ी गई लड़ाई का हिस्सा थे.
  • लंबे समय तक सांस की बीमारी से जूझने के बाद 95 वर्ष की उम्र में नेल्सन मंडेला की मृत्यु हो गयी थी.
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