लखनऊ। बाबासाहेब भीवराम अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आरएसएस और एबीवीपी पर दलित छात्रों के साथ मारपीट का आरोप सामने आया है. यहां के छात्र श्रेयस बौद्ध ने आरोप लगाया है कि पुस्तकालय में आरएसएस और एबीवीपी के छात्रों ने दलित छात्रों के साथ-साथ दलित शिक्षकों से भी अभद्रता की. उनका आरोप है कि एबीवीपी के छात्रों के साथ प्रोफेसर कमल जयसवाल ने भी दलित छात्रों पर जातिगत टिप्पणियां की और उनसे मारपीट की और उनके कपड़े फाड़ दिए.
इस घटना के बाद दलित छात्र डरे हुए हैं. उनका कहना है कि वो प्रोफेसर कमल जयसवाल और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं से अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे है. उनका आरोप है कि प्रोफेसर कमल जयसवाल शुरू से दलित छात्रों के भविष्य को बर्बाद करने की धमकी दे रहे थे. अपने साथ भेदभाव और विश्वविद्यालय में चल रही अनियमितता के खिलाफ दलित छात्र जब 3 मई 2016 को विश्वविद्यालय परिसर में शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर रहे थे तब भी प्रोफेसर कमल जयसवाल ने दलित छात्रों के ऊपर पुलिस के माध्यम से लाठी चार्ज करवाया था. और 19 एससी/एसटी छात्रों के खिलाफ झूठी एफआईआर भी दर्ज करवाई. इस वजह से यहां के छात्रों का भविष्य संकट में है.
छात्रों ने अपने खिलाफ हो रहे अत्याचार की शिकायत राज्य अनुसूचित जाति आयोग लखनऊ, चेयरमैन मानवाधिकार संगठन दिल्ली, यूजीसी चेयरमैन दिल्ली, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, एमएचआरडी, पीएमओ भारत सरकार, एसएसपी लखनऊ और डीजीपी उत्तर प्रदेश को की है.

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