नई दिल्ली। क्या हो जब देश के पूर्व नौकरशाहों को नियम और कानून बचाने के लिए सामने आना पड़े और इसके लिए राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखनी पड़े. जी हां, देश के 66 पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला उठाया है और इसको रोकने के लिए गुहार लगाई है. साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव को निष्पक्ष तरीके से उठाने की मांग की है. अपने पत्र में पूर्व नौकरशाहों ने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाया है.

राष्ट्रपति कोविंद को पत्र लिखने वालों में पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पंजाब के पूर्व डीजीपी जुलियो रिबेरो, प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार और ट्राई के पूर्व चेयरमैन राजीव खुल्लर जैसे पूर्व नौकरशाह शामिल हैं. नौकरशाहों की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है कि सत्तारूढ़ दल और केंद्र सरकार अपने रुतबे का दुरुपयोग मनमाने ढंग से करते हुए आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं. उनके ऐसे मनमाने कामकाज से साफ है कि चुनाव आयोग के प्रति भी उनके मन में कोई सम्मान नहीं है.
अपनी चिट्ठी में चुनाव आयोग की शिकायत करते हुए नौकरशाहों ने अपने पत्र में ‘ऑपरेशन शक्ति’ के दौरान एंटी सैटेलाइट मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन, नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक फिल्म, वेब सीरीज और बीजेपी के कई नेताओं के आपत्तिजनक भाषणों का जिक्र भी किया गया है. जिन पर चुनाव आयोग को की गई शिकायत के बावजूद महज दिखावे की ही कार्रवाई हुई. गौरतलब है कि राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखने से पहले पूर्व नौकरशाहों ने चुनाव आयोग को भी पत्र लिखकर अपनी चिंता से अवगत कराया था.

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