गुजरात में सैकड़ों मौतों का दोषी कौन? 

गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना ऐतिहासिक पुल के गिरने से 150 लोगों की मौत हो गई। पुल पर 100 लोगों की क्षमता थी। घटना के वक्त पुल पर 500 लोग थे, जिसकी वजह से यह गिर गया और कई घर उजड़ गए। गुजरात सरकार ने मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से चार लाख और पीएम फंड से 2 लाख देने की घोषणा हुई है। घायलों को 50 हजार दिया गया है।

1879 में इसको साढ़े तीन लाख की लागत से बनाया गया था। इसे मोरबी के राजा वाघजी रावाजी ठाकोर ने बनवाया था।
यानी अब यह पुराना हो चुका था। जिसकी वजह से यह पिछले छह महीने से बंद था। मरम्मत के बाद इसे 26 अक्टूबर को फिर से खोला गया था।इस पुल के देख-रेख की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। मार्च 2022 से मार्च 2037 तक इस ग्रुप कोब्रिज की साफ सफाई, सुरक्षा, रख-रखाव और टोल वसूलने की जिम्मेदारी है। इस घटना के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं, जिसका जवाब गुजरात सरकार को और ओरेवा ग्रुप को देना है।

(1) इस पुल पर जाने के लिए टिकट लेना पड़ता है। जब 100 लोग की क्षमता है तो 500 लोग कैसे पहुंचे।
(2) 26 अक्टूबर को जब पुल खोला गया, NOC नहीं मिला था। बिना एनओसी के पुल कैसे और किसके आदेश पर खोला गया। सभी मौतों के लिए उसी को जिम्मेदार मानकर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए।
(3) भीड़ नियंत्रित करने में ओरोवा ग्रुप और सुरक्षा व्यवस्था में लगे लोग कैसे विफल हो गए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.