नई दिल्ली। गुजरात के उना तहसील में गौरक्षकों द्वारा पीटे जाने वाले दलित परिवारों ने बौद्ध धर्म अपनाने का फैसला किया है. उना के मोटा समधियाला गांव के सात दलितों को मरी हुई गाय की खाल उतारने के बाद उन्मादी गौ-रक्षकों ने काफी बर्बरता से पीटाई की थी. खास तौर पर चार दलितों को शहर ले जाकर उन्हें गाड़ी से बांध कर पीटा गया था.
गोरक्षकों के समूह ने जिन चार लोगों की पिटाई की थी, उसमें तीन भाई थे. उनमें से सबसे बड़े भाई वशराम सरवैया ने बौद्ध धर्म अपनाने के बारे में फैसला किया है. सरवैया का कहना है कि मरे पशुओं की खाल उतारने के पेशे की वजह से हमें काफी भेदभाव का सामना करना पड़ा है. न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा के जरिए आई खबर के हवाले से सरवैया ने इस संबंध में घोषणा की है. हालांकि उन्होंने धर्म परिवर्तन की तारीख तय नहीं की है लेकिन समुदाय के सदस्यों के साथ आने के बाद बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म अपनाने को कहा है.
सरवैया ने आरोप लगाया कि सरकार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल द्वारा किये गए वादे के अनुरूप मुकदमा चलाने के लिये विशेष अदालत का गठन नहीं किया. राज्य सरकार ने पीडि़तों को नौकरी और जमीन का एक टुकड़ा देने का अपना वादा भी पूरा नहीं किया. आरोपी जमानत पर रिहा होने के बाद खुला घूम रहे हैं और मामला खिंच रहा है. सरवैया ने कहा कि ज्यादातर आरोपियों के जमानत पर बाहर होने की वजह से परिवार के सदस्यों को अपने घर से बाहर निकलने में डर लगता है.
घटना 11 जुलाई 2016 की है. मामला तब सामने आया था जब गोरक्षकों द्वारा कोड़े से कथित तौर पर इन लोगों की पिटाई किये जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इसमें इन तीन भाइयों के साथ उनके पिता की पिटाई की थी गई.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।
