उत्तर प्रदेश। डॉक्टर ने दलित मरीज होने के कारण उसे मरने दिया. मानवता को शर्मशार करने वाली यूपी के जौनपुर की घटना सामने आई है. डॉक्टर ने दलित मरीज को स्ट्रेचर से नीचे धकेल दिया. इसके बाद मरीज की मौत हो गई. आक्रोशित परिजनों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
मरीज को छूने एक हजार रुपए मांगी
अमर उजाला की एक खबर के मुताबिक जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मछलीशहर के डॉक्टर व उसके स्टाफ ने अनुसूचित जाति के वृद्ध मरीज को छूने के लिए 1000 रुपए फीस मांगी. फीस ना देने पर परिजनों के साथ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर अपमानित किया और स्ट्रेचर से धकेल दिया. मृतक के परिवार ने हत्या का आरोप लगाते हुए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर सीजेएम ने डॉक्टर व उनके स्टाफ समेत छह लोगों पर वाद दर्ज कर थाने से रिपोर्ट तलब की है.
स्ट्रेचर से धकेला
केशव प्रसाद गौतम निवासी परसूपुर, मछलीशहर ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र के अनुसार, 17 मई 2018 को उसके पिता नरेंद्र की तबीयत बहुत खराब थी. वह बाइक से पिता को सीएचसी मछलीशहर ले गया. पिता को स्ट्रेचर पर लिटाया और इमरजेंसी बताते हुए डॉक्टर से तुरंत इलाज करने की गुजारिश की. तब डॉक्टर, नर्स आदि ने जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए कहा कि मरीज को छूने की फीस एक हजार रुपए लूंगा. विरोध करने पर वे आग बबूला हो गए. जातिसूचक शब्द प्रयोग कर गालियां देते हुए बीमार पिता को स्ट्रेचर से धकेल दिया. गिरने के साथ ही मरीज की मौत हो गई. पुलिस अधीक्षक को घटना की सूचना दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
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