बजरंगबली की जाति को लेकर छिड़ा विवाद शांत नहीं हो रहा है। पहले उन्हें दलित, फिर आदिवासी, फिर मुसलमान बताने के बाद जाट बताया जाने लगा है। उत्तर प्रदेश के धर्मार्थ कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने हनुमान को जाट बताया है। अजब बात यह है कि चौधरी ने यह बयान विधान परिषद में दिया। बकौल चौधरी, ‘जो दूसरों को दिक्कत मे देखकर कूद पड़ता है, वह जाट ही हो सकता है. इसलिए हनुमान जाट थे।‘
कमाल यह है कि कुछ ही दिन पहले भाजपा के ही एक विधायक बुक्कल नवाब ने हनुमान की जाति को लेकर अनोखा बयान दिया था। बीजेपी विधायक के मुताबिक हनुमान मुस्लिम थे. अब इसके लिए भाजपा विधायक द्वारा दिए गए तर्क को भी सुनिए। बुक्कल नवाब के मुताबिक हनुमान के मुस्लिम होने के कारण ही मुसलमानों के नाम रहमान, रमजान, फरहान, सुलेमान, सलमान,जिशान और कुर्बान जैसे नाम रखे जाते हैं.
तो वहीं केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सोंघ ने हनुमान को आर्य बताया तो बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह ने तो यह तक कह दिया कि हनुमान तो बंदर थे और बंदर पशु होता है,जिसका दर्जा दलित से भी नीचे होता है. वो तो राम ने उन्हें भगवान बना दिया. ध्यान देने वाली बात यह है कि हनुमान की जाति और धर्म को लेकर दिया गया हर बयान भाजपा नेताओं द्वारा ही दिया गया है।
सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 नवंबर को राजस्थान के अलवर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए हनुमान को दलित बताया था. उन्होंने कहा था कि हनुमान वनवासी, वंचित और दलित थे. उनके इस बयान के बाद देश भर में सियासी गलियारों में जमकर विरोध हुआ।
इसके बाद देश के कई हिस्सों में स्थित हनुमान मंदिरों पर दलितों ने कब्जा करना शुरू कर दिया था। और दलित संगठनों की ओर से हर हनुमान मंदिर का पुजारी किसी दलित को बनाने की मांग उठने लगी।
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