डीडी डेस्क- बिहार में क्या भाजपा-जदयू गठबंधन मुश्किल में है? क्या बिहार में सत्ता की बाजी पलटने वाली है? क्या बिहार में तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनने वाले हैं?
इन तमाम कयासों के पीछे जो नाम है, वह है पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का। जी हां, जीतन राम मांझी बिहार की राजनीति में एक ऐसा नाम है, जो एक बार मुख्यमंत्री बनने के बाद अब मुख्यमंत्री बनाने की भूमिका में आ गए हैं। खासकर हालिया सरकार में तो सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सीटों का फासला इतना कम है कि हर विधायक की अहमियत दूल्हे जैसी हो गई है।
जहां तक बिहार में सत्ता बदलने के कयास की बात है तो जीतन राम मांझी के एक बयान ने इस कयास को हवा दे दी है। दरअसल बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव की बेरोजगारी यात्रा का समर्थन किया है।
तेजस्वी यादव नए साल में 14 जनवरी से बेरोजगारी यात्रा निकालने जा रहे हैं। इस यात्रा का समर्थन करते हुए मांझी ने कहा, “बिहार में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है और अगर इस मुद्दे को उठाने के लिए तेजस्वी यादव यात्रा करते हैं तो इस पर सवाल उठाने का क्या मतलब है?”
मांझी बस यहीं नहीं रुकें, बल्कि तेजस्वी का समर्थन करने के साथ ही मांझी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली अपनी ही सरकार पर बेरोजगारी के लिए हमला भी बोला। हालांकि कहा यह भी जा रहा है कि हाल ही में ब्राह्मणों को लेकर जीतनराम मांझी ने जो विवादित बयान दिया था, और सरकार के भीतर से भी उसकी जिस तरह आलोचना हुई थी, मांझी उसी के जवाबी हमले में तेजस्वी का गुणगान कर रहे हैं।
संभव है कि मांझी भाजपा-जदयू को यह साफ करना चाहते हैं कि अगर उन्होंने उन्हें छेड़ने की कोशिश की तो उनके पास रास्ते और भी हैं। जहां तक बिहार की राजनीति की बात है तो जिस दिन हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी और VIP पार्टी के मुकेश साहनी अपना पाला बदल देंगे, उस दिन भाजपा-जदयू की सरकार गिर सकती है और राजद की सरकार बन सकती है।

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