Wednesday, May 14, 2025
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हेमंत सोरेन बने झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष, नए संकेत से देश की राजनीति में हलचल

पार्टी का अध्यक्ष चुने जाने के बाद हेमंत सोरेन ने राष्ट्रीय राजनीति में पार्टी की दखल की ओर इशारा किया है। विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद हेमंत सोरेन अब पार्टी को देश के अन्य हिस्सों में भी बढ़ाना चाहते हैं।

रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन यानी गुरुजी के बेटे और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं। रांची में आयोजित पार्टी के 13वें महाधिवेशन में पार्टी ने हेमंत सोरेन को अपना अगला अध्यक्ष चुन लिया। इस दौरान शिबू सोरेन के लिए एक नया पद सृजित किया गया। वह संस्थापक संरक्षक होंगे। पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन ने बेटे हेमंत सोरेन के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।

पद संभालने के बाद हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि- आज जब मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के अध्यक्ष पद का दायित्व संभाल रहा हूँ, तो मेरे मन में अनेक भावनाएँ उमड़ रही हैं। यह कोई साधारण पद नहीं, बल्कि झारखंड की जनता के सपनों, संघर्षों और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व है। आदरणीय बाबा, हमारे संरक्षक आदरणीय शिबू सोरेन जी ने जिन विचारधाराओं छांव तले झामुमो की नींव रखी थी, आज उसे आगे बढ़ाने का अवसर मिलना मेरे लिए गर्व का क्षण है। मैं विनम्रतापूर्वक इस जिम्मेदारी को स्वीकार करता हूँ और प्रण लेता हूँ कि झारखंड के हर गाँव, हर गरीब, हर वंचित और हर युवा की आवाज बनूँगा।

हमारी पार्टी का इतिहास संघर्षों से भरा है, लेकिन हमारा संकल्प अडिग है। आज फिर से हमें एकजुट होकर झारखंड की अस्मिता, विकास और न्याय के लिए संघर्ष करना है। मैं सभी कार्यकर्ताओं, नेताओं और झारखंडवासियों से वादा करता हूँ — आपका विश्वास कभी टूटने नहीं दूँगा। पार्टी ने जो नया दायित्व दिया है उसे कड़ी मेहनत के साथ निभाया जाएगा। मजबूती से आगे बढ़ेगा झारखण्ड मुक्ति मोर्चा।

अपने पिता और झामुमो संस्थापक शिबू सोरेन का जिक्र करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि आदरणीय बाबा दिशोम गुरुजी ने मुझे जो जिम्मेदारी दी है, पार्टी के लाखों साथियों ने मुझ पर जो विश्वास जताया है उसे दिन-रात कड़ी मेहनत कर पूरा करने का काम करूंगा। आप सभी का यही साथ ही मेरी ताकत है। आदरणीय बाबा के मार्गदर्शन में वीर पुरुखों के सपनों को साकार करने के लिए मैं दोगुनी ताकत के साथ राज्यवासियों की सेवा के लिए आगे बढूंगा।

इस बीच पार्टी के 13वें केंद्रीय महाधिवेशन में एक राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया गया, जिससे देश की राजनीति में हलचल शुरू हो गई है। इस प्रस्ताव में उल्लेख है कि नई राजनीतिक परिस्थिति में पार्टी के स्वरूप को एक राष्ट्रीय आकार देने की कवायद होगी। साफ है कि विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद हेमंत सोरेन अब पार्टी को देश के अन्य हिस्सों में भी बढ़ाना चाहते हैं। पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर अगर हेमंत सोरेन इसमें सफल रहते हैं तो यह उनके लिए एक बड़ी जीत होगी।

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