गुड़गांव। गुड़गांव से सटे गांव धनकोट में आखिरकार जाट समुदाय के लोगों ने मान्यवर कांशीराम और तथागत बुद्ध की प्रतिमा को तोड़ ही दिया. गांव के सरपंच ने बिल्डरों को जमीन बेचने के चक्कर में चोरी-छुपे रात को कुछ लोगों के साथ प्रतिमा को तुड़वा दिया. अगले दिन सुबह जब एक बौद्ध अनुयायी की नजर टूटी प्रतिमा पर पड़ तो उसने अन्य लोगों को भी बुलाया.
गांव दलितों में इस घटना का रोष है. दलितों ने मान्यवर कांशीराम और तथागत की प्रतिमा तोड़ने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. दलित ग्रामीणों ने घटना से आहत होकर रोड जाम किया. ग्रामीणों ने गांव के सरपंच को हटाने की मांग की. इसके साथ उन्होंने सरपंच के इस कृत्य के लिए गिरफ्तारी की भी मांग की. घटना स्थल पर एसडीएम, एसएचओ, एसएसपी भी आए. ग्रामीणों ने उन्हें शिकायत दर्ज करवाई. एसडीमएम ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह इस घटना को अंजाम देने वाले को गिरफ्तार करेंगे और मुर्ति की पुर्नस्थापना भी करवाएंगे.
दलित ग्रामीणों का कहना है कि हमने 2012 में हडवारी (हड्डी फेंकने वाली जगह) की जगह को साफ किया और पार्क बनाया. सरपंच की सहमति से पार्क में तथागत बुद्ध और मान्यवर कांशीराम की प्रतिमा स्थापित की. प्रतिमा स्थापित करने के लिए पूरे गांव के बुद्ध अनुयायी और दलित समाज के लोगों चंदा दिया था. प्रतिमा स्थापित होने के बाद यहां हर रविवार को ग्रामीण बुद्ध वंदना करने आते हैं.
ग्रामीणों का आरोप है कि 6 महीने पहले बने जाट सरपंच ने जातिगत भेदभाव कर इन प्रतिमा को गिरवाया है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सरपंच इस जमीन को बिल्डरों को बेचना चाहता है. क्योंकि जमीन के चारो ओर बड़े-बड़े मॉल खुल रहे हैं. गुड़गांव से सटे होने के कारण इस जमीन की कीमत भी बहुत है. एक ग्रामीण ने दलित दस्तक को बताया कि सरपंच ने उन मूर्तियों को नहीं तोड़ा जो पंचायत की जमीन पर बनी हैं. उन्होंने आरोप लगाया की जाटों ने सरकारी स्कूल की जगह पर कब्जा कर रखा है लेकिन सरपंच उस पर कार्रवाई नहीं कर रहा है क्योंकि वह उन्हीं के समुदाय है. जबकि हडवारी को हमने पवित्र जगह बनाई उस पर आपत्ति जता रहा है और प्रतिमा तुड़वा रहा है.
आम्बेडकर सभा के अध्यक्ष मोहित सांभरिया ने जानकारी दी कि धनकोट में साहब कांशीराम और तथागत बुद्ध की प्रतिमाओं को तोड़ा गया है. मोहित ने बताया की ऐसी घटनाएं अब बर्दाश्त से बहार हो चुकी हैं. पहले आंबेडकर भवन में लगी साहब कांशीराम की प्रतिमा को तोड़ा गया और अब धनकोट में प्रतिमा को तोड़ा गया. मोहित ने बताया कि घटना पर हम चुप नहीं बैठेंगे और हरियाणा की मनुवादी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे. उन्होंने आरोप लगाया की सरकार ही ऐसी घटनाओं को बढ़ावा दे रही है. रविवार 4 सितंबर को भारी तादात बहुजन समाज सड़कों पर उतरेगा. फिलहाल पुलिस मौके पर पहुंच कर छानबीन में जुटी है. स्थिति को संभालने के लिए धनकोट गांव में भारी पुलिस बल भेजा गया है.

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