”रोहित तेरी शहादत से क्रांति का आगाज हुआ”ये कोई नारा नहीं है, यह उस गीत की लाइन है जिसने बहुजन समाज में चेतना जगा दी है. बहुजन समाज से आने वाले हेमंत कुमार बौद्ध के साथ तरन्नुम बौद्ध ने इस गाने को गाया है. हेमंत कुमार बौद्ध द्वारा गाए गए इस गाने को गुलशन कुमार की म्युजिक कंपनी T-SERIES ने रिलिज किया है. टी-सीरिज के जरिए अम्बेडकरी आंदोलन का म्यूजिक एल्बम रिलिज होना सिर्फ हेमंत ही नहीं बल्कि पूरे बहुजन समाज के लिए एक सफलता है.
टी-सीरिज ने यह गाना अपने यू-ट्यूब चैनल पर चला दिया है और पहले ही दिन इस गाने को दो हजार से अधिक दर्शकों ने देखा और सुना. हेमंत कुमार बौद्ध की यह अब तक की सबसे बड़ी सफलता है. कहा जा सकता है कि इस म्यूजिक एल्बम से हेमंत बौद्ध और तरन्नुम बौद्ध के रूप में बहुजन समाज को अपने दो और गीतकार और गायक मिल गए हैं.
इससे पहले 24 मई 2013 में हेमंत बौद्ध ने ‘मिलकर करें वंदना सम्यकसम्बुद्ध की’ के नाम से म्यूजिक एल्बम लांच किया था, जिसके सभी गाने बुद्ध की शिक्षा और उनके धम्म पर आधारित थी. हेमंत के इस एल्बम को भी लोगों ने खूब सराहा. यहां तक कि विदेशों में भी इसकी सीडी भेजी गई जिससे विदेशों में भी इस सीडी के गीतों को खूब सराहना मिली. इस म्यूजिक एल्बम के गीतकार आचार्य जुगल किशोर बौद्ध हैं. पहले एल्बम के लगभग डेढ़ वर्ष बाद हेमंत का अगला एल्बम 1 नवंबर, 2015 ‘जय हो भीम महान’ का लोकार्पण दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में किया गया. इस एल्बम में उन्होंने अपनी आवाज देने के साथ-साथ इसका संगीत निर्देशन भी किया, जिसने देश-विदेशों के अम्बेडकरी जगत के लोगों की खूब सराहना बटोरी.
हाल ही में मुंबई के सम्मुखानन्द ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में हेमंत बौद्ध के नाम एक और सफलता जुड़ गई, जब बॉलीवुड मशहूर अभिनेत्री और पाकिस्तानी गायिका सलमा आगा ने उन्हें ‘भारतरत्न डॉ. आम्बेडकर अवार्ड’ से सम्मानित किया. यह आयोजन मुंबई के मशहूर फिल्म निर्देशक कैलाश मासूम के द्वारा किया गया. इस खास कार्यक्रम में पद्मभूषण उदित नारायण, सलमा आगा, अदनान सामी, शब्बीर कुमार, जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ हेमंत ने अम्बेडकरी गाने भी प्रस्तुत किए.
हेमंत कहते हैं कि उनकी सफलता के पीछे बौद्ध विचारक शांतिस्वरूप बौद्ध और यूथ फॉर बुद्धिस्ट इण्डिया के अध्यक्ष हरि भारती का अहम योगदान रहा. हेमंत कुमार की एल्बम को अम्बेडकरी कार्यक्रम में सुना जाने लगा. इसके अतिरिक्त हेमंत भारत के लगभग सभी राज्यों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अम्बेडकर-बौद्ध पर आधारित गानों पर प्रस्तुतियां देते हैं. हेमंत ने जनवरी 2016 में प्रसिद्ध गीतकार एवं संगीतकार आयुष्मान राजेश ढावरे के साथ मुंबई में दो कार्यक्रम में आम्बेडकर-बौद्ध गाने गाए. राजेश ढावरे ””बुद्ध ही बुद्ध”” एलबम के निर्माता और गायक हैं.
हेमंत का शुरू से आम्बेडकरी मिशन के प्रति लगाव था क्योंकि उनके पिता लक्ष्मण सिंह आम्बेडकरी मिशन से जुड़े हुए थे और मान्यवर कांशीराम के साथ काम किया था. बसपा का कैडर होने के नाते उनके पिता प्रचार-प्रसार में लगे रहते थे. हेमंत के पिता ने शुरू से ही बाबासाहेब के तीन मूल मंत्र-शिक्षित बनो, संगठित बनो और संघर्ष करो का मर्म समझाते हुए बाबासाहेब की और उनके तीन मूल-मंत्रों वाला 3 बच्चों का कलैण्डर घर में लगा दिया था ताकि हेमंत और उसका छोटा भाई रोज उस पर ध्यान दें और उस पर अमल करें.

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