नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने डिस्टेंस के जरिये पढ़ाई करने के मामले में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की तकनीकी शिक्षा डिस्टेंस के माध्यम से नहीं की जा सकेगी. शीर्ष न्यायालय ने उड़ीसा उच्च न्यायालय के उस फैसले को खारिज करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की तकनीकी शिक्षा दूरस्थ पाठ्यक्रम के माध्यम से उपलब्ध नहीं कराई जा सकती. उच्च न्यायालय ने डिस्टेंस के जरिए तकनीकी शिक्षा को सही माना था.
उच्चतम न्यायालय के इस फैसले से प्रबंधन, मेडिकल, इंजीनियरिंग और फार्मेसी समेत कई अन्य पाठ्यक्रम तकनीकी पाठ्यक्रमों से जुड़े छात्रों को झटका लगा है. अब छात्र इनकी पढ़ाई डिस्टेंस के माध्यम से नहीं कर पाएंगे. शीर्ष न्यायालय ने इस फैसले से पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस निर्णय पर भी अपनी संस्तुति जाहिर की, जिसमें कंप्यूटर विज्ञान में डिस्टेंस के माध्यम से ली गई डिग्री को नियमित तरीके से हासिल डिग्री की तरह मानने से इंकार कर दिया है.
शीर्ष न्यायालय का यह फैसला इस लिहाज से अहम है कि आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पढ़ने की वजह से छात्र को व्यावहारिक ज्ञान या तो होता ही नहीं है अथवा कम होता है.

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