लखनऊ। बसपा के मिशन 2017 के मद्देनजर पार्टी प्रमुख मायावती ने अपनी कवायद तेज कर दी है. राज्य के चारों प्रमुख कोनों पर लकीर खिंचने के बाद मायावती अब पार्टी के अन्य कद्दावर नेताओं को सामने लेकर आ रही हैं. असल में मायावती इस चुनाव में एक बार फिर सोशल इंजीनियरिंग का अपना पुराना सफल नुस्खा आजमाना चाहती हैं. गैर दलित वोटों को बसपा के समर्थन में लाने के लिए पार्टी के गैर दलित नेताओं को अपनी-अपनी जातियों की जिम्मेदारी सौंप दी है. इनके जिम्मे बसपा की भाईचारा कमेटियां हैं और उन्हें भाईचारा कोर्डिनेटर कहा जाता है. सभी भाईचारा कमेटियों को अलग-अलग क्षेत्र भी बांट दिए गए हैं.
भाईचारा कमेटी के खास चेहरे हैं-
रामअचल राजभर- ओबीसी वोट
लालजी वर्मा- कुर्मी वोट
सतीश मिश्रा- ब्राह्मण वोट
नसीमुद्दीन सिद्दीकी- मुस्लिम वोट
मुनकाद अली- मुस्लिम वोट
चिंतामणि – धोबी समाज
जयवीर सिंह- क्षत्रिय वोट
जितेन्द्र सिंह बबलू- क्षत्रिय वोट
सुरक्षित सीटों पर ब्राह्मण नेताओं को जिम्मेदारी
बसपा सुप्रीमों ने अपनी पार्टी के ब्राह्मण नेताओं को प्रदेश की 85 सुरक्षित सीटों पर मेहनत करने का आदेश दिया है, ताकि उन सीटों पर दलित वोटों के अलावा बसपा के खाते में सवर्ण वोट भी आएं. इसके लिए सतीश चंद्र मिश्रा और रामवीर उपाध्याय को लगाया गया है. मिश्रा पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य यूपी और बुंदेलखंड की आरक्षित सीटों पर काम करेंगे, जबकि रामवीर उपाध्याय पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आरक्षित सीटों पर काम करेंगे. सतीश चंद्र मिश्रा इसकी शुरुआत गोरखपुर के खजनी में आयोजित रैली से कर चुके हैं.
मुस्लिम वोट के लिए मुस्लिम चेहरों पर भरोसा
बसपा प्रमुख मायावती की नजर मुस्लिम वोटों पर भी है. बसपा के पक्ष में मुस्लिम वोट साधने की जिम्मेदारी महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, मुनकाद अली, नौशाद अली और अतहर खान के कंधों पर है. सिद्दीकी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि मुनकाद अली को वाराणसी, इलाहाबाद और मिर्जापुर डिविजन और नौशाद अली को बुंदेलखंड और अतहर खान को फैजाबाद और देवीपाटन मंडल का जिम्मा सौंपा गया है.
ओबीसी वोटों की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर और अन्य पर
बसपा ने ओबीसी वोटों की जिम्मेदारी अपने प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर और पूर्व स्पीकर सुखदेव राजभर को दिया है. इसके लिए दोनों ही नेताओं ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में सम्मेलन करना शुरू कर दिया है. हाल ही में रामअचल राजभर द्वारा मऊ में की गई राजभर समाज का सम्मेलन काफी सफल रहा था. इस रैली में करीब 70 हजार लोग मौजूद थे.
कुशवाहा वोटों की जिम्मेदारी पूर्व विधानसभा परिषद सदस्य आर.एस. कुशवाहा उठा रहे हैं. जबकि प्रताप सिंह बघेल को भी इसकी जिम्मेदारी दी गई है. कुर्मी वोटों को एकजुट करने की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री लालजी वर्मा और पूर्व सांसद आर.के सिंह पटेल को दी गई है.
धोबी समाज के वोटों को एकत्र करने की जिम्मेदारी भाईचारा कमेटी (धोबी समाज) के प्रदेश प्रभारी चिंतामणि जी को दी गई है. चिंतामणि पिछले चार-पांच महीनों से अपने समाज के वोटों को बसपा के पक्ष में करने के लिए लगातार जुटे हुए हैं.

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