समाज और देश
धीरे-धीरे बदल ही रहा था
कि अचानक मनु के रखवाले
देश के रहनुमा बन गए!
और देश फिर से गुलाम हो गया।
छिनने लगी आजादी
पहले खाने की,
फिर पहनने ओढ़ने की,
फिर शिक्षा की,
फिर धर्म की,
फिर कर्म की,
फिर मूर्ति की,
फिर रंग की
देश मे असमानता, जातिवाद, आडम्बर,
अवैज्ञानिकता, रूढ़िवाद, हिंसा, भ्रष्टाचार, हावी हो गए!
इस तरह देश का जीवन
और इंसानियत फिर से गुलाम हो गयी!
जुगुल किशोर चौधरी
इसे भी पढ़े-हुंकार
- दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करेंhttps://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।