फूलन देवी की विरासत लेकर संजय निषाद और मुकेश सहनी में छिड़ी जंग

 25 जुलाई को फूलन देवी की पुण्यतिथि के ठीक पहले उनकी राजनीतिक विरासत को लेकर जंग छिड़ गई है। इस जंग में एक ओर हैं बिहार के वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी तो दूसरी ओर हैं यूपी की निषाद पार्टी के संजय निषाद। दरअसल विकासशील इंसान पार्टी यानी वीआईपी के नेता मुकेश सहनी, उत्तर प्रदेश के 18 शहरों में फूलन देवी की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा लगाकर अपनी पार्टी को यूपी विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में लॉंच करना चाहते थए। लेकिन सहनी की इस कोशिश को योगी आदित्यनाथ सरकार ने तगड़ा झटका दे दिया है।

 25 जुलाई को फूलनदेवी की पुण्यतिथि को देखते हुए मुकेश सहनी ने पटना से ये प्रतिमाएं भेजी थी, जो यूपी के जिलों में लगना था। इन प्रतिमाओं को वाराणसी और मिर्जापुर में जब्त कर लिया गया है। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ने मुकेश सहनी को पत्र लिखकर कहा है कि उनकी पार्टी को ऐसे कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी जा सकती क्योंकि उत्तर प्रदेश में 2008 से ही धार्मिक या राजनीतिक व्यक्ति की प्रतिमा सरकारी या निजी जमीन पर भी लगाने के लिए उच्चस्तरीय इजाजत चाहिए। इसे कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन भी बताया जा रहा है।

जबकि वीआईपी पार्टी का कहना है कि वाराणसी एसडीएम ने कोविड 19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस कार्यक्रम की इजाजत दे दी थी। राज्य के मुख्य सचिव को भी इन कार्यक्रमों की विस्तृत सूचना भेजी गई थी।

ऊपर से जो भी कहा जा रहा हो, यहां असल पेंच संजय निषाद का है। वीआईपी के मुखिया मुकेश सहनी यूपी में भी अपनी पार्टी का विस्तार उन क्षेत्रों में करना चाहते थे, जहां निषाद समाज का वोट बैंक है। इसके लिए उन्होंने फूलन देवी की जयंती का दिन चुना। मुकेश सहनी को लगा था कि बिहार सरकार में भाजपा के साथ शामिल होने के कारण भाजपा की ओर से उन्हें मदद मिलेगी, लेकिन यूपी में भाजपा के साथ खड़े निषाद पार्टी के संजय निषाद को यह मंजूर नहीं था। उन्होंने मुख्यमंत्री मोदी के साथ मिलकर खेल कर दिया। दरअसल यूपी की राजनीति में निषाद पार्टी के डॉक्टर संजय निषाद की बीजेपी से नाराजगी और खुले तौर पर डिप्टी सीएम पद की मांग के बाद मुकेश सहनी के यूपी चुनाव लड़ने के ऐलान से लगा था कि भाजपा ने संजय निषाद का विकल्प तैयार रखा है। संजय निषाद को जैसे ही मुकेश सहनी के यूपी में आने की भनक लगी, वो चुपचाप भाजपा के पीछे जा खड़े हुए। बदले में भाजपा ने मुकेश सहनी के यूपी में आने को लेकर रोड़ा अटका दिया है।

हालांकि मुकेश सहनी अब भी प्रतिमा स्थापित करने पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि प्रतिमा स्थापित करने से हमें कोई डिगा नहीं सकता। हम राज्य के नियमों का पालन करते हुए ऐसा करेंगे। यूपी चुनाव में निषाद वोट को देखते हुए मुकेश सहनी ने कहा था कि वीआईपी यूपी के 18 मंडलों में फूलन देवी की 18 फीट ऊंची प्रतिमा लगाएगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में मल्लाह यानी निषाद और अन्य उपजातियों के 14 परसेंट वोट हैं। यूपी में संजय निषाद इनके एक नेता हैं जो निषाद पार्टी के अध्यक्ष हैं और इस समय बीजेपी के साथ हैं।

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