नई दिल्ली। जेल में बंद भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर रावण की रिहाई को लेकर भीम आर्मी ने सहारनपुर से एक बड़े आंदोलन का आगाज कर दिया है. 18 फरवरी को सहारनपुर में भीम आर्मी के एससी-एसटी व ओबीसी एवं अल्पसंख्यक महासम्मेलन में सामूहिक रूप से रावण की रिहाई की मांग की गई. इस दौरान चंद्रशेखर की रिहाई की मांग को लेकर भीम आर्मी के साथ तमाम अन्य संगठन भी आ गए हैं. आंदोलनकर्ताओं ने प्रशासन को चेतावनी दी गई कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो ऐतिहासिक आंदोलन किया जाएगा.
महासम्मेलन में उत्तराखंड के प्रदेश प्रभारी महक सिंह ने चंद्रशेखर रावण के भेजे गए आठ पेज का संदेश पढ़ा, जिसमें चंद्रशेखर ने वर्तमान सरकार को काले अंग्रेजों की सरकार घोषित करते हुए इससे मुक्ति की बात कही थी. रावण ने संदेश में कहा कि जब तक भगवा सरकार को खत्म नहीं कर दिया जाएगा, तब तक आंदोलन चलता रहेगा.
महासम्मेलन में जमीयत उलमा-ए-हिंद ने भी चंद्रशेखर की रिहाई का समर्थन किया, तो वहीं समर्थन के लिए पूर्व आइपीएस एसआर दारापुरी, हिमाचल प्रदेश के पूर्व डीजीपी पृथ्वीराज, रालोद के जिला अध्यक्ष राव केसर सलीम, के अलावा चंद्रशेखर की मां कमलेश, जेएनयू से आए प्रदीप नरवाल भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे. सम्मेलन में यूपी, महाराष्ट्र, उत्तराखंड आदि प्रदेशों से बड़ी तादाद में लोग पहुंचे.
हालांकि इस कार्यक्रम को लेकर पुलिस का रवैया ठीक नहीं रहा. पहले तो पुलिस ने कार्यक्रम को लेकर इजाजत नहीं दी, लेकिन भीम आर्मी के लोगों के तेवर को देखते हुए और किसी भी हाल में आंदोलन पर अड़े रहने के बाद प्रशासन को इसकी इजाजत देनी पड़ी.

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