बोधगया। बिहार का बोधगया, जहां तथागत बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, उसकी मुक्ति के लिए आंदोलन चल रहा है। यह आंदोलन इस महाविहार को ब्राह्मण पंडों से मुक्त कराने के लिए है। आंदोलन करने वाले बौद्ध समाज BT ACT 1949 को रद्द कर महाविहार का पूरा प्रबंधन बौद्ध समाज को सौंपने की मांग कर रहा है। वर्तमान में यहां प्रबंधन में ब्राह्मण और बौद्ध दोनों है। आरोप लगाया जाता है कि यहां ब्राह्मणों द्वारा उन बौद्धों को ही प्रबंधन में रखा जाता है जो उनकी हां में हां मिलाते हैं। इस आंदोलन को दुनिया भर के बौद्ध समाज का समर्थन मिल रहा है। बौद्ध समाज का कहना है कि बोधगया मंदिर अधिनियम, 1949 (BT Act 1949) पूर्ण रूप से असंवैधानिक है और इसे रद्द किया जाना चाहिए।
उनका कहना है कि यह बौद्ध समुदाय के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। महाबोधि मंदिर का प्रबंधन पूरी तरह से बौद्ध समुदाय को सौंपा जाए। इस बारे में मिशन जय भीम के संस्थापन और बौद्ध धम्म को बढ़ाने के लिए काम करने वाले दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने इस पूरे मामले को ठीक से समझाया। देखिए यह वीडियो-

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