नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने को लेकर बड़ा बयान दिया है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यह फैसला लेने के तीन दिन बाद मायावती ने इस संबंध में बयान दिया है. इस संबंध में बसपा प्रमुख ने लखनऊ में मीडिया को संबोधित करने के बाद जारी प्रेस नोट में अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के बाद अनुसूचित जाति का आरक्षण का कोटा बढ़ाने की मांग की है.
बसपा प्रमुख ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश बीजेपी सरकार का यह आदेश इन 17 जातियों के साथ सबसे बड़ा धोखा है क्योंकि वास्तव में अब इन जातियों के लोगों को ना तो ओ.बी.सी. का लाभ मिलेगा और ना ही अनुसूचित जाति का लाभ मिलेगा. ओ.बी.सी. का लाभ इसलिये नहीं मिलेगा, क्योंकि अब उत्तर प्रदेश सरकार इस आदेश के बाद उन्हें ओ.बी.सी. नहीं मानेगी और अनुसूचित जाति के होने का लाभ इसलिये नहीं मिलेगा क्योंकि कोई भी राज्य सरकार किसी भी जाति को अपने आदेशों से न तो अनुसूचित जाति की सूची में डाल सकती है और न ही उससे हटा सकती है. इस प्रकार योगी सरकार का यह आदेश पूरी तरह से गैर कानूनी और असंवैधानिक है.
उन्होंने योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “ऐसा सिर्फ इन 17 जातियों के लोगों को धोखा देने की नियत से ही किया गया है क्योंकि इन जातियों को ओ.बी.सी. होने के नाते 27 प्रतिशत आरक्षण का जो लाभ मिल रहा है, वो अब इनसे छिन जायेगा और संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत ये अनुसूचित जाति के नहीं माने जा सकते हैं.”
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यंत्री ने इसी प्रकार की मांग बहुजन समाज पार्टी द्वारा कई बार की गई है और मैं एक बार फिर केंद्र सरकार से अपील करती हूं कि संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत संवैधानिक प्रक्रिया पूरी करते हुये इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में डाला जाये, लेकिन ऐसा करते समय वर्तमान का जो अनुसूचित जाति का कोटा है उसे इसी अनुपात में बढ़ाया जाये, जिससे कि जो पूर्व में अनुसूचित जाति की सूची के लोग हैं उनको कोई नुकसान न हो और इन 17 जातियों को भी फिर आरक्षण का उचित लाभ मिल सके.