बजट को लेकर मायावती ने उठाए गंभीर सवाल

नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा अपना आखिरी बजट पेश किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इसे पिछले चार सालों की तरह ही केवल लच्छेदार बातों वाला बताया है. बजट पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में मायावती ने कहा कि यह केवल लच्छेदार बातों वाला छलावा व गरीब-विरोधी एवं धन्नासेठ समर्थक बजट है. पीएम मोदी को कठघरे में खड़ा करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि मोदी सरकार को अपनी जुमलेबाजी बंद कर के तथ्यों व तर्कों के आधार पर देश को यह बताना चाहिए कि वह अच्छे दिन कहां हैं, जिसका वायदा उन्होंने देश की सवा सौ करोड़ जनता से सीना तानकर चुनाव के समय किया था. और अगर वो ऐसा नहीं कर सकते तो उन्हें देश से मांफी मांगनी चाहिए.

भाजपा सरकार इस बजट को जहां किसानों और गरीबों की हितैषी बता रही है तो वहीं मायावती ने कहा कि मोदी सरकार की प्राथमिकताएं देश के करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानों व अन्य मेहनतकश लोगों के हितों की रक्षक कतई नहीं है. इसी वजह से बेरोजगारी की महामारी है तथा अमीरों व गरीबों के बीच पहले से मौजूद खाई लगातार बढ़ती चली जा रही है. मायावती ने कहा कि केवल भाषणों व लच्छेदार बातों से गरीबों व मेहनतकश जनता का पेट नहीं भरने वाला है, बल्कि सरकार द्वारा जो भी वायदे किए गए हैं, उसका लेखा-जोखा बताना चाहिए.

युवाओं के रोजगार का मुद्दा उठाते हुए मायावती ने कहा है कि युवाओं और ग्रामीण भारत को उसकी अपनी क्षमता के अनुसार बेहतर रोजगार के अवसर मुहैया कराने की जरूरत है. न कि पकौड़ा बेचकर रोजगार अर्जित करने के सरकारी सुझाव की. देश के करोड़ो शिक्षित युवा पहले ही मजबूरी में चाय-पकौड़ा बेचने का काम कर रहे हैं, जो कि ठीक नहीं है. उन्होंने इसे मोदी सरकार की विफलता का जीता-जागता प्रमाण कहा.

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