बिहार। भाजपा और जदयू के गठबंधन और लालू यादव के जेल जाने के बाद बिहार की राजनीति में तेजी से बदलाव आना शुरू हो गया है. गठबंधन में अपनी अनदेखी से नाराज प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने अब लालू खेमें में जाने की घोषणा कर दी है. राबड़ी देवी के साथ हुई बैठक के बाद हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एनडीए छोड़ने की घोषणा की. माझी ने कहा कि वे औपचारिक रूप से गुरूवार 1 मार्च को महागठबंधन में शामिल हो जाएंगे.
जीतन राम मांझी गठबंधन में खुद को महत्व नहीं दिए जाने के कारण पिछले काफी वक्त से एनडीए से नाराज चल रहे थे. बिहार की जहानाबाद सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए भी मांझी ने टिकट की मांग की थी लेकिन उनकी पार्टी को टिकट नहीं मिला. नीतीश कुमार के एनडीए का हिस्सा बनने के बाद मांझी की मुश्किलें और बढ़ गई है.
नीतीश कुमार से अलगाव के बाद मांझी ने जेडीयू से अलग हो कर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा बनाया था. 2015 के बिहार विधानसभा से पहले वह लालू-नीतीश के महागठबंधन के खिलाफ एनडीए में शामिल हो गए थे. एनडीए ने विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी की पार्टी को 20 सीट दिया, लेकिन उन्हें सिर्फ एक सीट पर ही जीत मिल पाई थी. मांझी खुद दो सीटों पर चुनाव लड़े थे लेकिन एक ही सीट पर जीत पाए थे.
दूसरी ओर लालू यादव के जेल जाने के बाद राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव लगातार महागठबंधन को मजबूत करने में लगे हैं. और भाजपा-नीतीश विरोधी खेमें को एकजुट करने में जुटे हैं. मांझी का महागठबंधन में आना ऐसी ही कवायद है.
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