नई दिल्ली। म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार का नोबल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई ने विरोध किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के साथ जो हो रहा है उससे मैं दुखी हूं.
मलाला ने स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची इस अत्याचार पर हस्तक्षेप करने की अपील की है. उन्होंने लिखा, “बीते कई सालों में मैंने इस दुखद और शर्मनाक व्यवहार की निंदा की है. मैं इंतज़ार कर रही हूं कि नोबल पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची भी इसका विरोध करें. पूरी दुनिया और रोहिंग्या मुसलमान इंतज़ार कर रहे हैं.”
My statement on the #Rohingya crisis in Myanmar: pic.twitter.com/1Pj5U3VdDK
— Malala (@Malala) September 3, 2017
मलाला ने रोहिंग्या मुसलमानों के साथ हो रही हिंसा रोकनी की अपील करते हुए कुछ सवाल भी किए हैं. उन्होंने कहा कि हिंसा बंद करो. आज मैंने तस्वीरें देखीं जिनमें म्यांमार के सुरक्षाबल बच्चों की हत्या कर रहे हैं. इन बच्चों ने किसी पर हमला नहीं किया लेकिन फिर उनके घर जला दिए गए.
मलाला ने सवाल किया कि अगर उनका घर म्यांमार में नहीं है तो उनकी पीढ़ियां कहां रह रही थीं? उनका मूल कहां है? उन्होंने कहा, “रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार की नागरिकता दी जाए. वह देश जहां वे पैदा हुए हैं.”
पाकिस्तान का ज़िक्र करते हुए मालाला ने कहा कि दूसरे देशों, जिनमें मेरा अपना देश पाकिस्तान शामिल है, उन्हें बांग्लादेश का उदाहरण अपनाना चाहिए और हिंसा व आतंक से भाग रहे रोहिंग्या परिवारों को खाना, शरण और शिक्षा दें.

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