Saturday, January 18, 2025
HomeTop Newsबदल गए जेल के नियम, अब जाति के आधार पर नहीं होगा...

बदल गए जेल के नियम, अब जाति के आधार पर नहीं होगा कामों का बंटवारा

नए संशोधन के अनुसार जेल अधिकारियों को सख्ती से यह सुनिश्चित करना होगा कि कैदियों के साथ उनकी जाति के आधार पर कोई भेदभाव न हो। गृह मंत्रालय की ओर से प्रमुख सचिवों को जारी पत्र में कहा गया है- "यह सख्ती से सुनिश्चित किया जाएगा कि जेलों में किसी भी ड्यूटी या काम के आवंटन में कैदियों के साथ उनकी जाति के आधार पर कोई भेदभाव न हो।"

जेलों में जाति के आधार पर एससी-एसटी के साथ भेदभाव पर सरकार की ओर से बड़ा अपडेट आया है। पत्रकार सुकन्या शांता की खोजी रिपोर्ट और जनहित याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने तीन अक्तूबर 2024 को इसको रोकने के लिए फैसला सुनाया था। इसके बाद अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जेलों में कैदियों के साथ जातिवाद रोकने के लिए जेल नियमावली में संशोधन किया है।

नए संशोधन के अनुसार जेल अधिकारियों को सख्ती से यह सुनिश्चित करना होगा कि कैदियों के साथ उनकी जाति के आधार पर कोई भेदभाव न हो। गृह मंत्रालय की ओर से प्रमुख सचिवों को जारी पत्र में कहा गया है- “यह सख्ती से सुनिश्चित किया जाएगा कि जेलों में किसी भी ड्यूटी या काम के आवंटन में कैदियों के साथ उनकी जाति के आधार पर कोई भेदभाव न हो।”

नए नियमों के मुताबिक अब आदर्श कारागार एवं सुधार सेवा अधिनियम, 2023 के विविध में भी बदलाव किये गए हैं। इसमें धारा 55 (ए) के रूप में नया शीर्षक जोड़ते हुए ‘कारागार एवं सुधार संस्थानों में जाति आधारित भेदभाव का निषेध’ किया गया है। गृह मंत्रालय के आदेश में हाथ से मैला उठाने को लेकर भी चर्चा की गई है। कहा गया है कि जेल के अंदर हाथ से मैला उठाने या सीवर या सेप्टिक टैंक की खतरनाक सफाई की अनुमति नहीं दी जाएगी।

दरअसल पुराने कानून और नियमावली में एससी-एसटी की कुछ जातियों को आदतन अपराधी के रूप में दर्ज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर भी आपत्ति दर्ज कराई थी। बता दें कि तकरीबन एक दर्जन राज्यों की जेल नियमावलियों में जाति-आधारित भेदभावपूर्ण प्रावधान थे, जिसमें जाति के आधार पर कैदियों को अलग बैरकों में रखने का नियम था। सुप्रीम कोर्ट ने उन नियमों को असंवैधानिक करार दिया था। साथ ही जाति के आधार पर कामों के बंटवारों को भी गैर कानूनी घोषित किया था। हालांकि नियमों में तमाम बदलाव के बावजूद हकीकत में यह नियम कितने बदलते हैं, यह आने वाला समय बताएगा।

लोकप्रिय

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Skip to content