नई दिल्ली। 15 फरवरी को हरियाणा के जिंद में प्रस्तावित भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैली को लेकर तनाव बढ़ गया है. भाजपा और प्रदेश सरकार ने इसे जहां अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है तो अमित शाह को किसी भी कीमत पर रोकने के लिए जाट समाज भी जी-जान से जुट गया है. आलम यह है कि जिले में पहले से तैनात सुरक्षा बलों की छह कंपनियों के बाद 10 और कंपनियों की मांग की गई है. तो दूसरी ओर जाट समाज के नेता गांवों का दौरा कर शाह की बाइक रैली को नाकाम करने के लिए समाज के लोगों को एकजुट कर रहे हैं.
असल में जाट समाज जाट आरक्षण की मांग कर रहा है, जिसे सीएम मनोहर खट्टर ने खारिज कर दिया है. जिसके बाद जाट संगठनों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती वो अमित शाह की बाइक रैली नहीं होने देंगे. जाट समाज अपने प्रभाव वाले इलाकों को जटैत कहता है. जाट नेताओं ने अमित शाह को खुली चुनौती देते हुए कहा है कि “मांगें मानै तो जटैत में आवै नहीं तो अमित शाह देश में और किते रैली कर ले.”
शाह की रैली को विफल बनाने के लिए जाट समाज ने पूरी रणनीति तैयार कर ली है. इसके तहत समिति जींद में एंट्री करने वाली सभी सातों सड़कों पर नाके लगाने की घोषणा की है. उन्होंने पुलिस को चेतावनी दी है कि अगर पुलिस ने उन्हें रोका तो वे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को वहीं खड़ा कर सड़कें जाम कर देंगे. लिंक मार्गों पर महिलाओं को जिम्मेदारी दी गई है, जो बैल-बुग्गी लेकर सड़कों पर डटेंगी. अब देखना यह है कि 15 फरवरी को भाजपा और अमित शाह अपनी इज्जत बचा पाते हैं या नहीं.