भाजपा के आईटी सेल हेड ने किया रवीश कुमार के खिलाफ दुष्प्रचार

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दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के आईटी सेल का चीफ़ मेरे बारे में अफवाह फैला रहा है. मैं तो बस धूलकण हूं. क्या बीजेपी ने मेरे पीछे पार्टी के पदाधिकारियों को भी लगा दिया है? मुझे उसके लाखों कार्यकर्ताओं की शालीनता और गरिमा पर पूरा भरोसा है. अमित मालवीय के फैलाए झूठ के उकसावे में वे कभी नहीं आएंगे. जो चुप रह जाएंगे वो भाजपा और संघ की जो भी विरासत है, उसे मेरी ख़ातिर मामूली बना देंगे.

ईश्वर अमित मालवीय की पार्टी को हर बड़ी जीत दे और मुझे हर बार उतनी ही बड़ी हार ताकि मैं दुनिया को बता सकूं कि सबसे बड़ी पार्टी मेरे पीछे पड़ गई है. उसकी ख़ातिर अपने लिए हार मांग रहा हूं. दुनिया के पहले ज़ीरो टीआरपी एंकर से आईटी सेल का चीफ घबरा गया. इस बात से कि प्रेस क्लब के मेरे भाषण को अस्सी नब्बे लाख या एक करोड़ से अधिक लोगों ने सुना है. इसलिए उस भाषण को संदिग्ध बनाने के लिए उसके काटे गए एक हिस्से को अमित मालवीय ने ट्वीट किया. मैं अपनी हार कबूल करता हूं. सिर्फ इसलिए कि भारत की धरती पर मौजूद दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं की शान में कमी न आए. मैं नहीं चाहता कि ज़मीन पर कार्यकर्ताओं को अमित मालवीय जैसों की करतूत से शर्मिंदा होना पड़े.

शुक्रिया प्रतीक. अमित मालवीय के फैलाए गए झूठ का पर्दाफ़ाश कर हिन्दू देवी देवताओं का मान बढ़ाने के लिए. हमारे देवी देवताओं की शान इसी में है कि वे हमेशा सत्य के साथ रहें. कोई ऐसा पैदा हो जाए जो झूठ का गिरेबां पकड़ ले. भले ही झूठ बोलने वाले देवी देवताओं के आगे पीछे नाचते गाते रहें. ईश्वर को भी पता है कि जो नाच रहा है वो दरअसल उसकी शान के लिए नहीं, अपनी सत्ता के लिए नाच रहा है.

अमित मालवीय ने न सिर्फ प्रधानमंत्री की पार्टी को शर्मिंदा किया है, अमित शाह जैसे मेहनती अध्यक्ष की पार्टी को शर्मिंदा किया है बल्कि मोहन भागवत के संघ को भी छोटा कर दिया है. अगर झूठ के आधार पर ही इक़बाल कायम करना है, तो आपको सदियों तक राज मुबारक. मैं इसी में खुश हूं कि मेरे नाम से उस खेमे में किसी की रातों की नींद उड़ जाती है. मैं तो जनता के खेमे का हूं, उसी खेमे में बना रहूंगा.

अल्ट न्यूज ने किया खुलासा, पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें रवीश कुमार की फेसबुक वॉल से साभार

नीतीश और शरद यादव की जंग में बाजी नीतीश के हाथ

पटना। चुनाव आयोग ने जनता दल यूनाइटेड के बागी नेता शरद यादव द्वारा पार्टी के चुनाव चिन्ह पर किए गए दावे को खारिज कर दिया है. आयोग ने सबूत के अभाव में यादव गुट का दावा खारिज कर दिया है. शरद यादव गुट का दावा खारिज करने की एक वजह यादव के दावे में किसी भी विधायक या सांसद का समर्थन नहीं होना था.

इस बारे में चुनाव आयोग ने पत्र भेजकर शरद यादव को फैसले की जानकारी दे दी है. आयोग ने कहा है कि शरद यादव कैंप की तरफ से दावे को लेकर सांसद या विधायकों के समर्थन का किसी तरह का कोई सबूत या एफिडेविट पेश नहीं किया गया. शरद यादव गुट की ओर से सबसे बड़ी चूक यह हुई है कि बागी गुट की तरफ से जो आवेदन जावेद रज़ा की तरफ से दिया गया था उस पर रज़ा का ही हस्ताक्षर नहीं था. इसके बाद आयोग ने सिंबल ऑर्डर के पैरा 15 के तहत उस आवेदन पर किसी तरह का कोई संज्ञान नहीं लिया.

दरअसल यादव गुट ने पार्टी चिन्ह को लेकर चाहे जितने दावे किए हों, उसे पता था कि उनका दावा खोखला है. क्योंकि यादव गुट चुनाव आयोग के पास तो गया, लेकिन उनके पास कागजात के तौर पर कोई सबूत नहीं था. ऐसे में जब चुनाव आयोग ने उनसे डॉक्यूमेंट्स के तौर पर सबूत मांगा तो उनके सारे दावे धरे के धरे रह गए. शरद गुट के चुनाव आयोग पहुंचने के बाद जनता दल यू के नेता भी चुनाव आयोग गए थे और अपने पक्ष में आयोग को तमाम दस्तावेज दिया था.

वहीं आयोग का फैसला आने पर शरद यादव ने कहा है कि यह एक तरह का संघर्ष और लड़ाई है. हम इसका सामना करने के लिए तैयार हैं.

रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में आईं मायावती

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में आ गई हैं. मायावती ने एक बयान जारी कर रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति सहानुभूति जताई है. बसपा प्रमुख ने म्यांमार से शरणार्थी बनकर भारत की ओर आने वाले इन गरीब मुसलमानों का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार से इनके प्रति सख्त रवैया नहीं अपनाने की अपील की है. साथ ही राज्यों को भी इसके लिए मजबूर नहीं किए जाने का आग्रह किया.

बसपा प्रमुख ने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि म्यांमार के सीमावर्ती राज्य में अशांति के कारण हजारों रोहिंग्या मुसलमानों ने भारत में शरण ली है, जिनके प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार का रवैया पूरी तरह स्पष्ट नहीं है. इससे असमंजस की स्थिति है. मायावती ने कहा कि इसी वजह से उच्चतम न्यायालय ने भी केंद्र सरकार से अपना स्टैंड स्पष्ट करने को कहा है.

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बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भारत सरकार को इन शरणार्थियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर व्यवहार करना चाहिए जैसा कि भारत की परंपरा रही है.

गौरतलब है कि रोहिंग्या मुसलमानों पर म्यांमार की सेना लगातार अत्याचार कर रही है. सेना ने हजारों रोहिंग्या मुसलमानों को मौत के घाट उतार दिया है. लाखों रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार से पलायन करने को मजबूर हो गए है. अब लाखों रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया आदि कई देशों में लगातार पलायन कर रहे हैं.

योगी सरकार ने रोका 46 मदरसों का अनुदान

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लखनऊ। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के 46 मदरसों को दी जाने वाली सरकारी अनुदान पर रोक लगा दी है. जिलों के डीएम, डीआईओएस व अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की जांच के बाद अनुदान पर रोक लगाई है. इन मदरसों के खिलाफ नियमों के अनुसार काम नहीं करने की शिकायत मिली थी.

इस जांच के करीब दो महीने बाद तथ्य सामने आए हैं. बताया जा रहा है कि ये सभी 46 मदरसे भवन मानकों पर सही नहीं है. यूपी सरकार 560 मदरसों को अनुदान राशि देती है. इस अनुदान राशि में शिक्षकों की सैलरी और रख रखाव का खर्च शामिल होता है. इस संबंध में मिली शिकायत के मुताबिक इन मदरसों में पढ़ाने वालों को सैलरी कम दी जाती है और हस्ताक्षर ज्यादा सैलरी पर करवाया जाता है. इसका सीधा मतलब यह है कि रिकॉर्ड में जितनी सैलरी दिखाई जाती है, उससे बहुत कम दम दी जाती है.

इतना ही नहीं, इन मदरसों पर पढ़ाई लिखाई सिर्फ कागजों में ही दिखाए जाने का आरोप है. आरोप है कि इन मदरसों में पढ़ाई लिखाई नहीं होती है, बल्कि कागजों में दिखाया जाता है. इससे पहले योगी सरकार ने राज्य के सभी मदरसों को हिंदी में मदरसे का नाम, खुलने और बंद होने का वक्त सहित तमाम जानकारियां लिखने का आदेश दिया था.

इससे पहले भी अखिलेश सरकार के समय तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खां ने विभागीय अफसरों द्वारा अनुदान के लिए भेजे जाने वाले 46 मदरसों की लिस्ट पर रोक लगा दी थी और उसके जांच के आदेश दिए थे. सरकार यूपी के 560 मदरसों को अनुदान देती है.

इन सभी 46 मदरसों का अल्पसंख्यक विभाग द्वारा ग्रांट रोका गया है. इसमें फैजाबाद, जौनपुर, कानपुर, कुशीनगर, मऊ व कन्नौज के मदरसे शामिल हैं.

DUSU चुनाव में NSUI को मिली भारी जीत

दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव में एनएसयूआई बड़ी जीत हासिल की है. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर एनएसयूआई ने जीत दर्ज कर ली है जबकि सचिव और सह सचिव का पद एबीवीपी के खाते में गया है.

अध्यक्ष पद की रेस में एनएसयूआई के रॉकी तुसीद ने एबीवीपी के रजत चौधरी को हराया है. इसके अलावा एनएसयूआई ने उपाध्यक्ष पद पर भी कब्जा किया है.

परिणाम आने से पहले वोटों की गिनती में काफी उतार-चढ़ाव देखन को मिला. पहले खबर आई कि तीन बड़े पदों पर एनएसयूआई का कब्जा है. लेकिन बाद में यह साफ हुआ कि दो पदों पर एनएसयूआई और दो पदों पर एबीवीपी की जीत हुई है. गिनती के दौरान कड़ा मुकाबला रहा.

शुरुआती राउंड में एबीवीपी ने चारों पदों पर बढ़त बनाई हुई थी. लेकिन बाद की गिनती में एनएसयूआई ने बढ़ती चली गई. पिछले साल एबीवीपी ने डूसू के सेंट्रल पैनल में 4 में से 3 सीटों पर कब्ज़ा जमाया था. पिछले 4 साल से एबीवीपी डूसू पर काबिज़ है.

डूसू के इस दंगल में एनएसयूआई पिछले 4 साल से हार का सामना कर रही थी. हालांकि पिछले साल जॉइंट सेक्रटरी के पोस्ट पर एनएसयूआई के मोहित गरीड़ ने बाज़ी मारी थी. एनएसयूआई को उम्मीद है कि इस साल डूसू जीतने में वो कामयाब होंगे, लेकिन चुनाव से ठीक पहले एनएसयूआई के प्रेसिडेंड कैंडिडेट रॉकी तुसीद का नॉमिनेशन रद्द होने के बाद एनएसयूआई को दूसरी उम्मीदवार अलका के लिए प्रचार करना पड़ा.

लेकिन फिर रॉकी तुसीद के पक्ष में हाई कोर्ट का फैसला आने पर एनएसयूआई का प्रेसिडेंड कैंडिडेट बदलने पर डीयू के छात्रों के बीच असमंजस की स्थिति बन गई. हालांकि सोशल मीडिया कैंपेन के जरिये एनएसयूआई ने प्रेसिडेंड पोस्ट के लिए जमकर प्रचार किया. लेकिन एनएसयूआई को ये डर जरूर सता रहा है कि कहीं छात्रों का ये संशय उन्हें डूसू चुनाव में भारी न पड़े.

‘कंबल बाबा’ की शरण में शुगर ठीक कराने पहुंचे गृहमंत्री

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रायपुर। बलात्कारी बाबा राम रहीम के जेल के जाने के बाद अखाड़ा परिषद ने 14 फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की. इसके बावजूद भी लोगों में अंधविश्वास भरा पड़ा है. आस्था के नाम पर काले कारोबार करने वाले बाबाओं की पूजा कर रहे हैं. पूजा करने वाले में आम नागरिक ही बल्कि नेता लोग भी शामिल है.

राम रहीम, राधे मां जैसे पाखंडियों के साथ हमने ने कई बड़े नेताओं की फोटो देखी. वो कैसे इन पाखंडियों को आगे हाथ जोड़कर और सिर झुकाकर खड़ें रहते थे. अब ऐसा ही मामला छत्तीसगढ़ से आया है. जहां के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा तथाकथित कंबल बाबा की शरण में गए हैं. सोशल मी़डिया पर पैकरा की तस्वीरें भी वायरल हो रही है.

तस्वीरों में तथाकथित कंबल बाबा मंत्री को दवाई देते नजर आ रहे हैं. कहा जा रहा है ये दवाई शुगर की है. बाबा शुगर का इलाज करते नजर आ रहे हैं जिसे वह जड़ से खत्म करने का दावा भी करते हैं.

वहीं, मामले में मंत्री का कहना है कि मैं अपने विधानसभा क्षेत्र में दौरे पर था. 5000 लोग वहां थे, मैंने भी 10 मिनट वहां खड़े होकर देखा कि दिव्यांग जो लकवाग्रस्त चल नहीं पा रहे थे मैंने भी देखा कि मालिश करके उन्होंने उन्हें चला दिया था. मुझे भी कुछ चमत्कार जैसा लगा. मुझे भी शुगर है. तो मैं भी चला गया. यहां पांच बार हर आदमी को जाना होगा तब दवा प्रभावी होगी. बस एक चम्मच शक्कर दी है, कहा पांच बार आना पड़ेगा मैंने कहा सरकारी दवा में खाता हूं इसके खाना से फायदा होगा तो हर्ज़ क्या है. चमत्कारिक तो दिखता है इतनी भीड़ वहां जुटती है. वहां गरीब लोग भी थे, संपन्न भी… सबसे बड़ी बात निशुल्क था.

कंबल वाले बाबा का असली नाम गणेश है, वह गुजरात का रहने वाला है. बाबा का दावा है कि मां काली ने उसे कई सालो पहले एक अद्भुत कंबल दिया था. वह कंबल ओढ़ कर बीमारी का इलाज कर सकता है. बाबा निशुल्क इलाज का दावा करता है. दावा है कि वह 28 साल से इलाज कर रहे हैं. यह भी दावा है कि पहले वह बोल और सुन नहीं सकते थे, भगवान की कृपा से बोलने-सुनने लगे.

सामान्य वर्ग के बराबर फीस न देने पर दलित छात्रा को कॉलेज से निकाला

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बागपत। यूपी में शिक्षा व्यवस्था बहुत तेजी से बिगड़ती जा रही है. यूपी सरकार पहले से ही शिक्षामित्रों के साथ उचित व्यवहार नहीं कर रही है. अब कॉलेजों में भी प्रशासन, प्रिंसिपल और शिक्षक छात्रों के साथ अनुचित व्यवहार कर रहे हैं.

मामला है यूपी के बागपत में स्थित आर्य इंटर कॉलेज का. जहां की प्रिंसिपल पर एक दलित छात्रा कॉलेज से निकालने का आरोप लगा है. आरोप है कि 12वीं में पढ़ने वाली दलित छात्रा को सामान्य वर्ग के बराबर फीस न देने पर जबरन उसका नाम कॉलेज से काट दिया गया और टीसी भी थमा दी. जब इस घटना का छात्रा के परिजनों ने विरोध किया तो प्रिंसिपल ने उनके साथ भी बदसलूकी की और मार-पीट की धमकी देकर भगा दिया.

बागपत के अंगदपुर गांव निवासी आंचल ने बताया कि वह छह सितंबर को कालेज गई थी. प्रधानाचार्य और कक्षा अध्यापिका ने उसे फीस लाने के लिए कहा, जिस पर उसने मई में दी फीस का हवाला देकर कहा कि 1400 रुपये फीस जमा कर दी गई है. इसके बाद पूरा कि अभी कितना बकाया है?

प्रधानाचार्य ने उसे 1400 रुपये और जमा कराने के लिए कहा. जब उसने अपने आपको अनुसूचित जाति का होने का हवाला दिया और सामान्य वर्ग से कम फीस होने की बात कही तो कहा गया कि वर्तमान सरकार ने फीस माफी बंद कर दी है, इसलिए पूरी फीस जमा करानी होगी. उसने असमर्थता जताई तो प्रधानाचार्य और कक्षा अध्यापिका ने उसके साथ मारपीट करते हुए यातनाएं दी.

नौ सितंबर को उसे व उसके पिता नरेंद्र को कालेज में बुलाकर जबरन टीसी काटकर दे दिया. पीड़िता ने बताया कि फरवरी या मार्च माह में परीक्षा होनी है, जिससे उसका भविष्य अंधकार में चला गया है. उसके पिता ने उसी दिन बिनौली थाने में शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने शिक्षा विभाग का हवाला देकर उसे टरका दिया.

उसके बाद छात्रा अपने परिजनों के साथ जिला मजिस्ट्रेट के पास शिकायत लेकर पहुंची. डीएम भवानी सिंह खंगारौत ने शिकायत सुनकर बीएसए को जांच कर पूरी रिपोर्ट तलब की है. शिकायत पर डीएम ने जांच बैठा दी है.

बागपत के बीएसए योगराज सिंह का कहना है कि डीएम के निर्देश पर जांच शुरू कर दी गई है. प्रधानाचार्य को मामले का निस्तारण कर छात्रा को प्रवेश देने के लिए कहा गया है. प्रारंभिक जांच में फीस को लेकर विवाद होना सामने आ रहा है, जिसका निस्तारण कर डीएम को रिपोर्ट दी जाएगी.

कांशीराम ईको गार्डन से लाखों की मूर्तियां चोरी

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लखनऊ। लखनऊ स्थित ‘मान्यवर श्री कांशीराम जी ग्रीन इको गार्डन’ से सात बहुमूल्य तांबे की मूर्तियां चोरी हुई हैं. चोरी होने के तीन दिन बाद कर्मचारियों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई. कांशीराम इको गार्डन में हाथी, हिरण, खरगोश, सारस, जिराफ, मगरमच्छ, बत्तख जैसी कई मूर्तियां हैं. जो मूर्तियां चोरी हुई उनमें एक बतख, तीन छोटी बतख, एक खरगोश, एक हाथी और एक हिरन का बच्चा शामिल है.

आलमबाग कोतवाली में दी गई शिकायत में बताया गया है कि इको गार्डन से 7 मूर्तियां चोरी हुईं. गार्डन के गेट पर सुरक्षा वाहिनी और गेट मैन रहते हैं. इनके अलावा यहां से आने-जाने का दूसरा रास्ता नहीं है. शिकायत के आधार पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है. इस तहरीर में मूर्तियों की कीमत नहीं बताई गई है, लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन मूर्तियों की कीमत लाखों में थीं.

आलमबाग थाने के इंसपेक्टर ने बताया कि इको गार्डन में जब दूसरी बार चोरी हुई तब जा कर अधिकारियों की आंखें खुली. इस गार्डन का मुख्य द्वार हमेशा बंद रहता है. बाउंड्रीवॉल इतनी ऊंची है कि कोई आसानी से फांद नहीं सकता है. इसका संदेह विभाग के अधिकारी भी जता रहे हैं.

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पुलिस सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों से भी पूछताछ कर रही है. इंस्पेक्टर ने बताया कि पार्क में दिन और रात दोनों शिफ्ट में सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. ऐसे में मूर्तियों के चोरी होना आसान नहीं है. पुलिस की टीम ने गार्डन का मुआयना भी किया. पुलिस ने पाया कि गार्डन में लगे कई सीसीटीवी कैमरे बंद है, इसलिए इससे कोई सुराग नहीं मिल पाया है. पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे को भी खगालने लगी है. अभी तक मामले में कोई सुराग नहीं मिल पाया है

‘मान्यवर श्री कांशीराम जी ग्रीन इको गार्डन’ बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट है. बसपा सुप्रीमो ने ‘मान्यवर श्री कांशीराम जी ग्रीन इको गार्डन’ की लगातार हो रही अनदेखी और उपेक्षा पर चिन्ता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि पहले आग की घटना और अब वहां लगी मूर्तियों की चोरी ने मामले को काफी गम्भीर बना दिया है. जिसके प्रति राज्य सरकार को सख़्त कदम उठाना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं को आगे रोका जा सके.

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बसपा प्रमुख ने कहा कि इससे पहले भी आलमबाग के वीआईपी रोड पर स्थित इको गार्डन व अन्य स्मारकों के रख-रखाव पर भी उचित ध्यान दिये जाने के संबंध में बसपा का प्रतिनिधिमण्डल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल चुका है. उन्होंने कहा कि ग्रीन इको गार्डन एक जनहित का सार्वजनिक पार्क है, जो राजधानी लखनऊ की शोभा बढाता है. दलितों और पिछड़ों में जन्मे महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान से जुड़े होने के कारण इन स्थलों से करोड़ों लोगों की भावनायें भी जुड़ी हुई हैं.

गौरतलब है कि इसी साल जून में इस पार्क में भयंकर आग लग गई थी. उस वक्त किसी ने यहां फैली घास-फूस में आग लगा दी थी, जिसने बाद में विकराल रूप धारण कर लिया. इस आग को बुझाने में दमकल विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी.

कांशीराम इको गार्डन में राजस्थान में मिलने वाले सेंड स्टोन से बनी मूर्तियां लगाई गई हैं. इन मूर्तियों के लिए अलग से टेंडर निकाला गया था, जिसके बाद इनको यहां लगाया गया. इस हिसाब से इन मूर्तियों की कीमत करोड़ों में आंकी गई थी.

फिर शुरू हुआ पाटीदारों का प्रदर्शन, सूरत में फूंकी 2 बसें

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सूरत। गुजरात में एक बार फिर पाटीदारों ने हिंसक प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने दो बसें फूंक दी. सूरत में हुई घटना के बाद पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया. सूरत में भारी संख्या में सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया है.

दरअसल, मंगलवार (12 सितंबर) की शाम सौराष्ट्र भवन में गुजरात भाजपा युवा मोर्चा के कार्यक्रम में हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाली पाटीदार अनामत आंदोलन समिति से कथित तौर पर जुड़े कुछ लोगों ने हंगामा करने की कोशिश की थी. यह कार्यक्रम भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया था.

सूरत के पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया. हीराबाग सर्किल में दो बसें फूंक दी गई. इलाके में अब स्थिति नियंत्रण में है. कंट्रोल रूम के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा.

भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष रुतविज पटेल का कहना है कि यह घटना पटेल समुदाय के रुख को उजागर नहीं करती. यह बवाल 6-7 लड़कों द्वारा किया गया. पूरा पटेल समुदाय हमारे साथ है.

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए हार्दिक पटेल ने दावा किया कि विरोध शांतिपूर्ण हो रहा था लेकिन पुलिस ने बेवजह लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया. उन्होंने पाटीदार बहुल क्षेत्र में कोई भी कार्यक्रम की अनुमति न देने की पुलिस से अपील की. जानकारी के मुताबिक पाटीदार युवक भाजपा युवा मोर्चा के कार्यक्रम में बाधा डाल रहे थे जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया लेकिन हिरासत में लेते ही बवाल मच गया.

गौरतलब है कि सूरत में पाटीदारों का काफी दबदबा है. यहां इनकी आबादी 10 लाख से ज्यादा है. पाटीदार समुदाय को 2015 में हार्दिक पटेल के रूप में नया नेता मिला था जिसने आरक्षण को लेकर पूरे राज्य में आंदोलन किया था. इस आंदोलन के दौरान काफी हिंसा भी हुई थी.

संकल्प दिवस के सौ साल पर वडोदरा में गरजेंगी मायावती

नई दिल्ली। संकल्प दिवस के 100 साल पूरा होने पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती 23 सितंबर को वडोदरा जाएंगी. इस दिन मायावती जहां एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगी तो वहीं वह सियाजी पार्क स्थित संकल्प भूमि पर जाकर बाबासाहेब को श्रद्धांजलि देंगी. हाल तक बसपा प्रमुख के वडोदरा जाने को लेकर संशय था लेकिन अब गुजरात के बसपा प्रभारी रामअचल राजभर ने इस खबर की पुष्टि कर दी है.

वडोदरा में बहनजी जी सबसे पहले वहां के नौलखी ग्राउंड पर एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगी, इसके बाद वह संकल्प भूमि पर जाकर बाबासाहेब को श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगी.

वीडियोः संकल्प दिवस के सौ साल पर वडोदरा में गरजेंगी मायावती

बसपा प्रमुख के इस दौरे से बहुजन समाज पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में खासा जोश है. इस दौरे को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि आने वाले दिनों में गुजरात में विधानसभा का चुनाव होना है. यह चुनाव भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस बार भाजपा जिस तरह से गुजरात में चुनाव की तैयारी कर रही है और तमाम दलों के विधायकों को तोड़ रही है, उससे साफ है कि वह विपक्ष के लिए कोई जगह नहीं छोड़ना चाहिए है. ऐसे में अगर बसपा सिर्फ दलित और पिछड़े समाज के वोटों को भी एकजुट कर लेगी तो यह भाजपा के लिए बड़ा झटका होगा.

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संकल्प भूमि पर बसपा अध्यक्ष के जाने के कारण देश भर के बसपा कार्यकर्ताओं में उत्साह है. ऐसा इसलिए क्योंकि संकल्प भूमि सभी अम्बेडकरवादियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है. ऐसे में बहन जी के वहां जाने से देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं में साकारात्मक संदेश जाएगा.

देखना होगा कि बाबासाहेब ने जिस भूमि पर सौ साल पहले संकल्प लिया था, उसी भूमि पर बसपा प्रमुख मायावती आखिर क्या संकल्प लेती हैं.

सचिन के बेटे अर्जुन तेंदुलकर का अंडर-19 में चयन

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मुंबई। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर का चयन अंडर 19 टीम में हो गया है. अर्जुन बड़ोदा में होने वाले जेवाई लेले ऑल इंडिया अंडर 19 इनविटेशनल वनडे टूर्नामेंट में मुंबई का प्रतिनिधित्व करेंगे. बीसीआई का यह टूर्नामेंट 16 सितंबर से 23 सितंबर तक बड़ोदा में होगा. गौरतलब है कि इससे पहले अर्जुन मुंबई की अंडर 14 और अंडर 16 टीमों के लिए खेल चुके हैं.

यह पहला मौका है जब अर्जुन को मुंबई की अंडर 19 में शामिल किया गया है. मुंबई से 18 सदस्यीय टीम प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के लिए जा रही है. अर्जुन बाएं हाथ के ऑल राउंडर खिलाड़ी हैं, साथ ही वह तेज गेंदबाजी के लिए भी जाने जाते हैं.

अर्जुन के अलावा, टीम में अग्नि चोपड़ा, दिव्यांश सक्सेना, भूपेन ललवानी, अंजदीप लाड, सागर छाबड़िया, शोएब खान, सत्यलक्ष जैन, वेदांत मुर्कर, ध्रुव ब्रिड, तानुष कोटियन, नकुल मेहता, फरहान काज़ी, अथर्व अंकोलेकर, अभिमन्यु वशिष्ट, सक्षम पाराशर, सक्षम झा और सिल्वेस्टर डिसूजा का चयन किया गया है.

अर्जुन तेंदुलकर ने हाल में उस समय सुर्खियां बटोरी थी जब वह इंग्लैंड के खिलाफ विश्व कप फाइनल से पूर्व भारतीय महिला क्रिकेट टीम के नेट गेंदबाज बने थे. भारत ने यह मैच नौ रन से गंवा दिया था. अर्जुन को इस दौरान नेट में वेदा कृष्णमूर्ति को गेंदबाजी करते हुए देखा गया था.

अर्जुन तेंदुलकर ने 22 जनवरी 2010 को अंडर 13 टूर्नामेंट में पहली बार अपना हाथ आजमाया था. इसके बाद वो वेस्ट जोन के अंडर 14 टूर्नामेंट के लिए चुने गए थे. अंडर 14 के ही टूर्नामेंट में अर्जुन ने खार जिमखाना के लिए खेलते हुए अपनी पहली सेंचुरी जड़ी थी. इसके अलावा 2011 में अर्जुन ने सिर्फ 22 रन देकर 8 विकेट लेकर सुर्खियां बटोरी थी.

एयर एशिया करायेगा 999 रूपए में हवाई सफर

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नई दिल्ली। आए दिन एयरलाइन्स कंपनियां कोई न कोई ऑफर निकालती ही रहती हैं. इसी बीच एयर एशिया ने भी एक ऑफर निकाल दिया है. अगर आप विदेश यात्रा करने का मन बना रहे हैं तो आपके लिए यह ऑफर काफी फायदे का है. एयर एशिया इंडिया बिग सेल के तहत सभी कर समेत 999 रुपये में टिकट की पेशकश कर रहा है.

एयर एशिया की वेबसाइट के अनुसार, ‘इस ऑफर के तहत यात्री एक मार्च, 2018 से 21 नवंबर, 2018 के बीच यात्रा कर सकते हैं. जानकारी के लिए बता दें कि इस ऑफर के तहत टिकट 17 सितंबर, 2017 तक बुक की जा सकती है.’

सीमित सीटों के कारण टिकट पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर मिलेंगी. इसलिए इस प्रमोशनल ऑफर का फायदा उठाने के ग्राहको को जल्द ही टिकट बुक करानी होगी. कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि ग्राहक जितना जल्दी टिकट बुक कराएंगे उन्हें उतना बड़ा सरप्राइज मिलेगा.

एयरलाइन कंपनी 999 रुपये में कोलकाता से बगडोगरा तक की टिकट दे रही है. वहीं, 1099 रुपये में कोच्चि से बेंगलुरू, गोवा से बेंगलुरू, भुवनेश्वर से कोलकाता, गुवाहाटी से इंफाल और हैदराबाद से बेंगलुरू के बीच यात्रा की जा सकती है. इसके अलावा 1399 रुपये में रांची से कोलकाता, 1499 में पुणे से बेंगलुरू, 1699 रुपये में दिल्ली से श्रीनगर, 1999 रुपये में जयपुर से हैदराबाद और 3199 रुपये में चंडीगढ़ से बेंगलुरू का टिकट बुक कराया जा सकता है. इसके अलावा विदेश यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए 1999 रुपये से लेकर के 2999 रुपये तक का टिकट भी कंपनी दे रही है. यह ऑफर केवल चुनिंदा रूट पर उपलब्ध है.

‘कांशीराम ईको पार्क से जुड़ी है बहुजनों की भावनाएं, अनदेखी न करे योगी सरकार’

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने ‘मान्यवर श्री कांशीराम जी ग्रीन इको गार्डन’ की लगातार हो रही अनदेखी और उपेक्षा पर चिन्ता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि पहले आग की घटना और अब वहां लगी मूर्तियों की चोरी ने मामले को काफी गम्भीर बना दिया है. जिसके प्रति राज्य सरकार को सख़्त कदम उठाना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं को आगे रोका जा सके.

बसपा प्रमुख ने कहा कि इससे पहले भी वीआईपी रोड पर स्थित इको गार्डन व अन्य स्मारकों के रख-रखाव पर भी उचित ध्यान दिये जाने के संबंध में बसपा का प्रतिनिधिमण्डल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल चुका है. उन्होंने कहा कि ग्रीन इको गार्डन एक जनहित का सार्वजनिक पार्क है, जो राजधानी लखनऊ की शोभा बढाता है. दलितों और पिछड़ों में जन्मे महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान से जुड़े होने के कारण इन स्थलों से करोड़ों लोगों की भावनायें भी जुड़ी हुई हैं.

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि मान्यवर कांशीराम और बसपा के अनुयायी काफी बड़ी संख्या में इन स्थलों के दर्शन हेतु लगातार लखनऊ आते रहते हैं. योगी सरकार को इनकी भावनाओं का अवश्य ही ख्याल रखना चाहिये. इनकी उपेक्षा नहीं करके इनकी सुरक्षा व संरक्षण पर समुचित ध्यान देना चाहिये.

मायावती ने इसके अलावा लखनऊ मेट्रों को लेकर भी योगी सरकार से अपील की है. उन्होंने कहा है कि लखनऊ मेट्रो के संचालन में आ रही लगातार बाधाओं से भी प्रदेश की काफी बदनामी हो रही है. इसके ऊपर भी राज्य सरकार को उचित ध्यान देने की जरूरत है.

शिक्षामित्रों के साथ नाइंसाफी कर रही है योगी सरकारः मायावती

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में ’शिक्षामित्रों’ के साथ हो रही नाइंसाफी पर सहानुभूति व्यक्त की. उन्होंने मांग की कि यूपी सरकार शिक्षामित्रों के प्रति नरम, सकारात्मक और सहयोगपूर्ण रवैया अपनाए.

मायावती ने कहा कि शिक्षामित्रों जिनमें अधिकतर महिलाएं हैं, का जीवन अधर में लटका है. वे लोग सड़क पर आ गए हैं जबकि उनका काम आने वाली पीढ़ी का जीवन सुधारने का है. वे लोग राज्य सरकार से न्याय और सहारा पाने के लिये लगातार आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन योगी सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है. शिक्षामित्रों का मासिक वेतन दस हजार रूपए तक सीमित कर शिक्षण कार्य करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.

बसपा सुप्रीमों ने आगे कहा कि जब शिक्षामित्र न्यायसंगत नीति बना कर समस्या को हल करने की मांग के समर्थन में आंदोलन करते हैं तो योगी सरकार उन पर लाठियां बरसाती है, जोकि न्यायोचित नहीं है. बसपा शिक्षामित्रों पर हो रहे इस तरह के अत्याचार की निंदा करती है. उन्होंने कहा कि यूपी की भाजपा सरकार को सकारात्मक रूख अपनाकर ऐसी नीति बनानी चाहिए जिससे शिक्षामित्रों की नौकरी सही सलामत रहे और वे वापस शिक्षण के काम में जुट जाएं.

गौरतलब है कि शिक्षामित्र अपने मासिक वेतन की बढ़ोतरी और सुविधाओं के लिए योगी सरकार से गुहार लगा रहे है. लेकिन सरकार उनकी मांगों नहीं मान रही. पिछले सप्ताह शिक्षामित्रों ने लखनऊ विधानसभा का घेराव करने की कोशिश की तो पुलिस ने उनपर लाठी चार्ज कर दिया था.

प्रिटिंग घोटाला मामले में IAS अधिकारी बर्खास्त

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भोपाल। प्रिटिंग घोटाले की दोषी मध्यप्रदेश कैडर की भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी शशि कर्णावत को बर्खास्त कर दिया गया है. कर्णावत पिछले चार साल से निलंबित चल रही थीं. भारतीय प्रशासनिक सेवा 1999 बैच की अधिकारी कर्णावत को भारत सरकार के आदेश और संघ लोक सेवा आयोग के परामर्श से अखिल भारतीय सेवा नियम 1969 के तहत सेवा से बर्खास्त किया गया.

कर्णावत के खिलाफ वर्ष 1999-2000 में प्रिटिंग कार्य में एमपी सरकार को लगभग 33 लाख रूपये की हानि पहुंचाने और अवैध लाभ अर्जित करने के संबंध में ईओडब्ल्यू ने अपराध पंजीबद्ध किया था. सितंबर 2013 में विशेष न्यायालय मंडल ने शशी कर्णावत को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1) घ और धारा 13(2) के अंतर्गत 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 40 लाख रूपये जुर्माना, धारा 420 एवं 34 आईपीसी के अंतर्गत 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 लाख रूपये जुर्माना और धारा 120 ‘बी’ आईपीसी के अंतर्गत 5 वर्ष का सश्रम कारावास और 5 लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनाई गई.

बर्खास्त आईएएस कर्णावत पिछले दिनों तब सुर्खियों में आई थीं, जब भोपाल के तीन दिन के प्रवास पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को घर पर भोजन करने के लिए चिट्ठी लिखी थी. पहले भी शशी कर्णावत राज्य सरकार के खिलाफ अनशन करने और जल समाधि की चेतावनी देकर शिवराज सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुकी हैं.

माना जा रहा कि अब तक सरकार के नरम रूख के कारण निलंबित चल रही कर्णावत को अमित शाह के प्रवास में खलल डालना महंगा पड़ा. बर्खास्त किए जाने के आदेश के बाद शशी कर्णावत ने कहा है कि दलित की बेटी की नौकरी छीनी है, अब ये दलित की बेटी शिवराज से सत्ता छीनने चुनाव के मैदान में उतरेगी.