प्रिटिंग घोटाला मामले में IAS अधिकारी बर्खास्त

भोपाल। प्रिटिंग घोटाले की दोषी मध्यप्रदेश कैडर की भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी शशि कर्णावत को बर्खास्त कर दिया गया है. कर्णावत पिछले चार साल से निलंबित चल रही थीं. भारतीय प्रशासनिक सेवा 1999 बैच की अधिकारी कर्णावत को भारत सरकार के आदेश और संघ लोक सेवा आयोग के परामर्श से अखिल भारतीय सेवा नियम 1969 के तहत सेवा से बर्खास्त किया गया.

कर्णावत के खिलाफ वर्ष 1999-2000 में प्रिटिंग कार्य में एमपी सरकार को लगभग 33 लाख रूपये की हानि पहुंचाने और अवैध लाभ अर्जित करने के संबंध में ईओडब्ल्यू ने अपराध पंजीबद्ध किया था. सितंबर 2013 में विशेष न्यायालय मंडल ने शशी कर्णावत को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1) घ और धारा 13(2) के अंतर्गत 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 40 लाख रूपये जुर्माना, धारा 420 एवं 34 आईपीसी के अंतर्गत 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 लाख रूपये जुर्माना और धारा 120 ‘बी’ आईपीसी के अंतर्गत 5 वर्ष का सश्रम कारावास और 5 लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनाई गई.

बर्खास्त आईएएस कर्णावत पिछले दिनों तब सुर्खियों में आई थीं, जब भोपाल के तीन दिन के प्रवास पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को घर पर भोजन करने के लिए चिट्ठी लिखी थी. पहले भी शशी कर्णावत राज्य सरकार के खिलाफ अनशन करने और जल समाधि की चेतावनी देकर शिवराज सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुकी हैं.

माना जा रहा कि अब तक सरकार के नरम रूख के कारण निलंबित चल रही कर्णावत को अमित शाह के प्रवास में खलल डालना महंगा पड़ा. बर्खास्त किए जाने के आदेश के बाद शशी कर्णावत ने कहा है कि दलित की बेटी की नौकरी छीनी है, अब ये दलित की बेटी शिवराज से सत्ता छीनने चुनाव के मैदान में उतरेगी.

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