मथुरा। वृन्दावन में आज से शुरू हुआ नास्तिक सम्मेलन हिन्दू संगठनों के विरोध की भेंट चढ़ गया. हिन्दू समुदाय के कुछ लोगों ने इस सम्मेलन का विरोध किया और सम्मेलन में शामिल होने आये लोगों के साथ मारपीट और बदसलूकी की. स्वामी बालेन्दु ने इस सम्मेलन का आयोजन अपने घर पर किया था, जहां देश के 18 राज्यों से करीब 500 लोग जुटे थे. कई साधू हाथों में झण्डा लेकर आयोजन स्थल के बाहर धरने पर बैठ गए और सम्मेलन करने वालों पर धर्म का अपमान करने का आरोप लगाया.
हालात इतने खराब हो गए कि प्रदर्शनकारियों ने मीडिया कर्मियों से भी मारपीट शुरू कर दी. देश की एक वरिष्ठ महिला फोटो पत्रकार को बीच सड़क पर घेर कर थप्पड़ मारे गए. महिला पत्रकार के मुताबिक पुलिस वालों ने भी उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की. एबीपी न्यूज के पत्रकार सुमित चौहान के साथ भी बदसलूकी की गई. हालात को देखते हुए प्रशासन ने इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है. प्रदर्शन के कारण प्रशासन के आग्रह पर इस सम्मेलन को रद्द कर दिया गया है. लेकिन देश के दूर-दराज के क्षेत्रों से आये नास्तिक और प्रगतिशील लोग अभी भी आश्रम में डटे हुए हैं. देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में नास्तिक लोग एक साथ जुटे हैं.
वृंदावन सिटी के एसपी ने सम्मेलन में शामिल होने आये लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिया है लेकिन किसी हमले की आशंका के कारण कई लोग अभी भी आश्रम में ही हैं. प्रदर्शनकारियों ने आयोजकर्ता के घर और रेस्टोरेंट पर पत्थरबाजी भी की जिसमें रेस्टोरेंट को काफी नुकसान पहुंचा है. स्वामी बालेन्दु का कहना है कि नास्तिक होना कोई गुनाह नहीं है और उन्होंने प्रशासन से भी लिखित अनुमति ली थी. ऐसे में इस तरह से हिंसक प्रदर्शन करना हमारे वाक् और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है. देश का संविधान हमें अपनी बात रखने की आजादी देता है और हम शांतिपूर्ण ढंग से ईश्वर और उसकी सत्ता के बारे में चर्चा कर रहे थे.
आपको बता दें कि ये कार्यक्रम 14 से 15 अक्टूबर तक चलने वाला था. सम्मेलन में आये लोगों ने इस तरह के हिंसक प्रदर्शन को लोकतंत्र पर हमला बताया है.

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