हिसार। हरियाणा के माथे पर एक बार फिर से दलित उत्पीड़न का बड़ा दाग लगा है. दरअसल, हिसार जिले की नारनौंद तहसील के गुरु रविदास मंदिर मोहल्ला में जातीय रंजिश के कारण एक दलित परिवार के साथ दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार पड़ोसी आरोपी ने एक दलित युवक (रोहताश) के घर घुसकर उसे लोहे की रॉड से माथे में चोट मारी और चेहरे व हाथ पर तेजाब उलेड़ दिया. इस जातीय हमले में रोहताश तेजाब से झुलसकर गंभीर रूप से घायल हो गया. पीड़ित के रिश्तेदार सोहन लाल ने बताया कि आरोपी राजेंद्र व उसकी पत्नी और सोनू, कपिल तथा अन्य ने इसी साल जून में पीड़ित के घर ईंटे बरसा दी थी जिसमे रोहताश व इनके परिजनों को चोटें आई थी फिर जुलाई में नारनौंद थाने के पास बिजली की दुकान पर घुसकर 5 लोगों ने रोहताश पर हमला कर दिया था.
यही नहीं इसी अक्टूबर माह की 3 तारीख को एक बार और रोहताश पर हमला बोला गया, जिसमे रोहताश का हाथ टूट गया था और वह 3 दिन हिसार के सामान्य अस्पताल में दाखिल रहा था. 4 बार हमला होने व इसकी शिकायत करने के बावजूद पुलिस ने हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं की.
पुलिस आरोपियों को बचाने व उनके दबाव में काम कर रही है जिस कारण इन्होंने चौथी बार तेजाबी हमला कर जान लेने की कोशिश की है. पीड़ितों ने बार-बार पुलिस व एसपी तक को शिकायत की, लेकिन कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई. रोताहश को परिजन आनन-फानन में नारनौंद के सामान्य अस्पताल लेकर गए, जहां उसकी नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे हिसार के सामान्य नागरिक अस्पताल में रैफर कर दिया था.
घटना की सूचना मिलते ही बसपा समर्थक प्रमुख दलित एक्टीविस्ट बजरंग इन्दल टीम के साथ पीड़ित से मिलने शहर के नागरिक अस्पताल पहुंचे. बजरंग इन्दल ने बताया कि नारनौंद स्थित गुरु रविदास मंदिर मोहल्ला में पीड़ित के घर के साथ आरोपियों का घर है. आरोपी व्यक्ति राजेंद्र पुलिस विभाग से रिटायर हुआ है और इसके 2 अन्य परिजन भी पुलिस में है. 4 बार दलितों पर हमला होने के बाद भी पुलिस को तुरन्त हमलावरों पर एससी/एसटी एक्ट और संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर उन्हें जेल भेजना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने पीड़ितों की सुनवाई नहीं की. पुलिस पीड़ितों को सुरक्षा दें तथा आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजें.

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