हरियाणा में स्कूलों में एडमिशन के लिए जो फॉर्म बच्चों को दिये जा रहे हैं उनमें मांगी गईं जानकारियां बेहद ही हैरान कर देने वाली हैं. एडमिशन फॉर्म में तकरीबन 100 तरह के सवाल पूछे गए हैं, जिसमें बच्चों की जाति, धर्म और यहां तक की आरक्षण के बारे में पूछा गया है. इस खबर के सामने आने के बाद हंगामा मच गया है.
जरा स्कूल में दाखिले के लिए मिलने वाले फॉर्म के सवालों को देखिए. इसमें पूछा गया है कि क्या माता-पिता किसी भी ‘अस्वच्छ’ व्यवसाय में शामिल हैं? क्या वो आनुवांशिक विकारों से पीड़ित हैं? बच्चों से माता-पिता का आधार नंबर, पैन नंबर, उनका पेशा और पढ़ाई के बारे में भी सवाल किया गया है. और तो और बच्चों से धर्म, जाति और आरक्षण को लेकर भी सवाल पूछे गए हैं. फॉर्म में आधार की जानकारी तो अनिवार्य भी कर दी गई है.
सरकारी स्कूल में एडमिशन के लिए फॉर्म में इस तरह की जानकारियां मांगने के बाद से हरियाणा की मनोहर खट्टर सरकार सवालों के घेरे में आ गई है. विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर हरियाणा सरकार को घेरा है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर स्कूलों में प्रवेश के लिए आधार अनिवार्य होने पर सवाल उठाया है. रणदीप सुरजेवाल ने कहा है कि 100 सवालों का फॉर्म क्यों जारी किया गया है? सुरजेवाला ने कहा है कि यह फॉर्म छात्रों के अभिभावकों पर निगरानी रखने जैसा है. उन्होंने हरियाणा सरकार से तत्काल इस आदेश को वापस लेने की और बच्चों के माता-पिता से माफी मांगने की मांग भी की है.
