नई दिल्ली। चुनावी मौसम में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को रिझाने का सरकार ने एक और नया दांव चला है. इसके तहत ओबीसी वर्ग के लिए चलाई जाने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के दायरे को बढ़ा दिया गया है. जिसका लाभ अब डेढ़ लाख सलाना आमदनी वाले परिवारों के बच्चों को भी मिलेगा. अभी तक इस योजना में एक लाख की सलाना आमदनी वाले ओबीसी परिवारों के बच्चे ही पात्र थे. बावजूद इसके इस योजना का लाभ मौजूदा समय में 25 लाख से ज्यादा ओबीसी परिवारों के बच्चों को मिल रहा है.
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इस योजना में यह बदलाव उस समय किया है, जब आने वाले कुछ महीनों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान सहित चार राज्यों में चुनाव होने है. ऐसे में सरकार को इसका बड़ा लाभ मिल सकता है. साथ ही योजना में इस बदलाव से लाभार्थियों की संख्या भी काफी बढ़ सकती है. वैसे भी इस योजना में बदलाव की यह मांग पिछले कई सालों से उठ रही थी. राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने खासतौर से इस बदलाव की मांग की थी. सरकार ने इससे पहले प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति में भी कुछ इसी तरह से का बदलाव किया था. जिसके तहत पात्रता की सीमा को बढ़ाने हुए सलाना ढाई लाख कर दी थी. इससे पहले सरकार ने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देकर इस वर्ग को एक तोहफा दिया है.
मंत्रालय ने इसके अलावा ओबीसी वर्ग के लिए चलाए जाने वाले पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के दो अन्य बदलाव भी किए है, जिसमें इस योजना की 30 फीसद राशि इस वर्ग से आने वाली बालिकाओं और पांच फीसद राशि दिव्यांगजनों पर खर्च की जाएगी. केंद्र ने राज्यों को अनिवार्य रुप से इसे लागू करने के निर्देश भी दिए है. योजना में जो दूसरा बड़ा बदलाव किया है, उसके तहत छात्रवृत्ति के लिए राज्यों को पैसा अब ओबीसी की आबादी के हिसाब से किया जाएगा. मौजूदा समय में राज्यों की मांग के आधार पर इसका फैसला किया जाता था. मंत्रालय ने इस संबंध में राज्यों को नई गाइड लाइन भी जारी कर दी है.
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