दलित बच्चियों को मंदिर में नहीं घुसने दिया

कोटा। दलितों के खिलाफ भेदभाव की घटनाऐँ मंदिरों में भी लगातार जारी है घटनाऐं कभी दक्षिणी भारत के राज्यों से आती हैं तो कभी उत्तरी भारत के भिन्न भिन्न राज्यों से. ताजा मामला राजस्थान के बूंदी जिले की है जहां 8 दलित बालिकाओं को मंदिर में प्रवेश नही करने दिए का जाने के मामले लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में आज सर्किट हाउस परिसर दलित समाज नेताओं ने बैठक कर दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं किए जाने की स्थिति में मंगलवार से उग्र आंदोलन की चेतावनी दी हैं.

बता दें की कोटा महावीर नगर विस्तार में 10 जुलाई को भगवान शिव की पूजा अर्चना करने गई संतोषी नगर की 8 दलित बालिकाओ को मंदिर प्रबंधन से जुङे लोगों ने प्रवेश नहीं करने दिया था. दलित समाज के लोगों ने मामले में सबंधित थाने में शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी है. लोगों का कहना है कि शिकायत करने के बावजूद कोटा पुलिस और प्रशासन द्वारा अभी तक दोषी लोगों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है.

वहां के स्थानीय नेता पूर्व जिलाप्रमुख राकेश बोयत के साथ दलित समाज के नेताओं की बैठक की गयी जिसके दौरान जिलेभर के दलित समाज के लोगों द्वारा कलक्टर को संभागीय आयुक्त के नाम ज्ञापन दिये जाने की बात स्वीकार की है. उन्होंने कहा कि दोषी लोगों के खिलाफ अगर कार्रवाई नहीं की गई तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे. उनका बड़ा सवाल यही है कि आखिर दलितों के खिलाफ इस तरह के भेदभाव की घटनाऐँ कब बंद होंगी.

 

1 COMMENT

  1. jab bhi aisi news padhta hn to sochta hn ki har dalit bhai ko bolun ki aao or mujhe jute maro for these horrible crimes.. akhir ye kis tarah ke pandit h bc jo apne hi bhai or betiyon me ferk karte h. i wish ki ek aisa mandir banaun jiske bahar likhunga ki “Jati or caste me vishwas karne walon ka pravesh nishedh hai”.. kash hum sudhar pate or ye discrimination nhi karte to shyd ek acche samaj ko bna pate.

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