हिसार। सामाजिक बहिष्कार जैसे जातीय विवादों के लिए चर्चित हरियाणा के जिला हिसार के गांव भाटला में 20 अगस्त को दलित परिवारों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए गांव के गुरु रविदास मंदिर में एकत्र होकर करीबन 300 परिवारों में बौद्ध धर्म ग्रहण किया था. अब गांव के दलितों ने एक कदम आगे बढ़ते हुए अपने पुराने हिंदू रीति-रिवाजों को त्याग कर अपने शादी-ब्याह भी बौद्ध रीति-रिवाजों से करने का फैसला किया है.
गांव की दलित महिला जर्मिला देवी ने अपनी पुत्री का विवाह बौद्ध रीति-रिवाजों से करने का फैसला किया है. इस बारे में जो शादी का आमंत्रण पत्र छपवाया गया है, उस पर भी पारंपरिक तौर पर हिंदू देवी देवताओं की जगह डॉ. बीआर आंबेडकर, गुरु रविदास तथा भगवान बुद्ध की तस्वीरों को स्थान दिया गया है. अब भाटला गांव की दलित महिला जर्मिला ने पुलिस को शिकायत देकर 15 नवंबर को बौद्ध रीति रिवाजों से होने वाली पुत्री की शादी में सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है.
अपनी शिकायत में दलित महिला जर्मिला देवी ने कहा है कि गांव में सामाजिक बहिष्कार के चलते गांव के दलितों व सवर्णो में बेहद तनातनी का माहौल है. गांव की भाईचारा कमिटी उससे रंजिश रखती है. उसकी पुत्री की बौद्ध रीति रिवाज से होने वाली शादी के दौरान भाईचारा कमिटी के सदस्य या उनकी शह पर कुछ अपराधी तत्व उनकी बेटी की शादी में किसी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं. इसलिए इस शादी के दौरान उसको पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए और विशेष रूप से महिला पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया जाए.
इस बारे में भाटला दलित संघर्ष समिति के प्रधान बलवान सिंह का कहना है कि यह बहुत खुशी का विषय है कि गांव में बौद्ध धर्म ग्रहण करने के बाद अब लोग इसे पूरी तरह अपना रहे हैं तथा शादी ब्याह भी बौद्ध रीति रिवाजों से करा रहे हैं. गांव में शादी के दौरान किसी अप्रिय घटना होने का दलित संघर्ष समिति के प्रधान ने भी अंदेशा जताते हुए कहा कि दलित महिला जर्मिला देवी की शिकायत पर कार्रवाई होनी चाहिए तथा शादी के दौरान पुख्ता पुलिस इंतजाम होने चाहिए.
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