नई दिल्ली। पांचवे एशियन बीच गेम्स में भारत की दो दलित महिलाओं ने सिलवर और ब्रोंज मेडल जीता. दोनों एथलीट्स ने यह मेंडल वोनिनां मार्शल आर्ट में जीता. महाराष्ट्र के नांदेड़ की रहने वाली 18 वर्षीय दीपा जॉली ने मार्शल आर्ट में सिलवर जीता. ब्रोंज मेडल जीतने वाली महिला खिलाड़ी भाग्यश्री महाबली (29 वर्ष) भी महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाली है.
वोविनां मार्शल आर्ट में 23 भारतीय खिलाड़ी शामिल हुए थे लेकिन 2 खिलाड़ी पदक जीतने में कामयाब हुए. इन सबके कोच शंकर माधवराव भी दलित है. कोच माधवराव ने इस सभी खिलाड़ी को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी है. मेडल जीतने से दोनों खिलाड़ी और कोच खुश तो है लेकिन उन्हें दुख भी है कि भारत सरकार और राज्य सकार उनकी सुध नहीं ले रही.
कोच माधवराव महाबली का कहना है कि सरकार हमें फाइंनेशियल सपोर्ट नहीं करती. पिछली बार के एशियन बीच गेम्स में मार्शल आर्ट के खिलाड़ी मेडल जीत कर आए थे लेकिन सरकार ने हमे कोई ईनाम नहीं दिया. जबकि मणिपुर सरकार ने मणिपुर के खिलाड़ी को पुरूस्कृत किया था. कोच ने आगे कहा कि हम लोग जब भी बाहर प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए भारतीय ओलंपिक संगठन को एक लाख बीस हजार देना पड़ा.
उन्होंने कहा कि सरकार हमें कोई किट उपलब्ध नहीं करवाती है अगर किट देती है तो हमें उसके भी पैसे चुकाने पड़ते हैं. हम लोग धन और सुविधाओं की कमी की वजह से भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते. अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी सरकार हमारी और ध्यान नहीं देती.
गौरतलब है कि पांचवे एशियन बीच गेम्स में भारत की 208 आठ एथलीट्स ने भाग लिया. भारतीय एथलीट्स ने 13 तरह की खेल प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसमें स्विमिंग, पेंटाक्यू, हैंडबॉल, कुरश, पेनाक सिलत, सैंबो, जु-जित्सु, वुडबॉल, सेपकतकरॉ, कब्बड्डी, शट्टलकॉक, वोनिनां और माय थाई. एशियन बीच गेम्स का आयोजन ओलंपिर काउंसिल ऑफ एशिया ने किया था. इसकी मेजबानी वियतनाम कर रहा था. इसमें कुल 43 एशियाई देश शामिल हुए थे. यह खेल 24 सितंबर से 4 अक्तूबर तक चला था.

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