नई दिल्ली। ट्रिपल तलाक बिल को लेकर भाजपा सरकार ने जिस तरह की तेजी दिखाई है, वह काबिले गौर है. भाजपा सरकार लगातार इस मुद्दे को मुस्लिम महिलाओं की स्वतंत्रता से जोड़ कर देखने की बात कह रही है. हालांकि यही सरकार महिला आरक्षण बिल को लेकर चुप्पी साधे हुए है. तो हिन्दू महिलाओं को अधिकार दिलाने के नाम पर भी कुछ करती नहीं दिखती है.
दलित चिंतक कांचा इलैया ने यही मुद्दा उठाया है. इंडिया टुडे कॉनक्लेव साउथ में कांचा इलैया ने कहा कि ट्रिपल तलाक मामला एक मुस्लिम महिला लेकर कोर्ट पहुंची और बीजेपी सरकार ने उसका समर्थन किया, लेकिन मंदिर में महिलाओं की एंट्री के मामले को जब एक हिंदू महिला लेकर कोर्ट जाती है तो यही बीजेपी चुप रहती है. आखिर बीजेपी हिंदू महिलाओं के अधिकार पर चुप क्यों है.
कांचा इलैया के इस सवाल पर बहस तेज हो गई है. तो वहीं सरकार द्वारा ट्रिपल तलाक बिल को लेकर मुस्लिम महिलाओं की भलाई से ज्यादा राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश पर से भी पर्दा उठ गया है.
संसद में भी यह मामला सामने आने पर तमाम विपक्षी दलों ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाया था. इसे राजनीति से प्रेरित बताया गया था. तो कई सुधार की बात भी कही गई थी, जिसकी वजह से राज्यसभा में यह बिल पास नहीं हो पाया था. जहां तक कांचा इलैया की बात है तो उनका बयान उस मामले की याद दिलाता है, जब शनि मंदिर में प्रवेश को लेकर हिन्दू महिलाओं को लंबा संघर्ष करना पड़ा था.

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