गोंडा। देश जब नए साल का जश्न मना रहा था, उत्तर प्रदेश के गोडा जिले के कलेक्ट्रेट में एक गरीब दलित परिवार न्याय की आस लिए आमरण अनशन पर बैठा था. परिवार का कहना है कि गांव के कुछ शैतान सामंतवादियों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर उन्हें घर से निकाल दिया है. पीड़ित परिवार ने इस बारे में डीएम को आवेदन देकर शिकायत की है.
दलित परिवार ने डीएम को दिए शिकायती पत्र में कहा है कि गांव के कुछ दबंग लोगों ने उसकी भूमि पर कब्जा कर उसे घर से बाहर निकाल दिया है. उसका परिवार इस ठंड में न्याय के लिए इधर-उधर भटक रहा है. पीड़ित ने बताया कि एक माह पहले दबंगों ने उसको बुरी तरह से मारा-पीटा और घर की महिला के साथ छेड़छाड़ कर बाहर निकाल कर ताला लगा दिया. पीड़ित जब अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंचा तो पुलिस ने उसे डांट कर वहां से भगा दिया. इंसाफ की तलाश में यह शख्स अपने मासूम बच्चों समेत कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन पर बैठ कर गुहार लगा रहा है. तो वहीं दलितों पर एक के एक अत्याचार से यह साफ हो गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार दबंगों पर शिकंजा कसने में नाकाम साबित हो रही है.
- रिपोर्ट- गंधर्व गुलाटी

दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।
