लखनऊ। लखनऊ से लगभग 27 किलोमीटर दूर रहीमाबाद के कोतवाली क्षेत्र में एक दलित की पिटाई का मामला सामने आया है. मामला रहीमाबाद के बाकी नगर गांव का है. जहां गांव के कुछ लोगों ने दलित की पिटाई कर दी.
दरअसल, दलित को तहसील प्रशासन से जमीन आबंटित की थी. जब दलित जमीन की मेड़बंदी करने गया तो गांव के कुछ लोगों ने अपनी गुंडागर्दी के बल पर उसको मेड़ बनाने से रोक दिया, दलि के विरोध करने पर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर उसे जमकर पीटा. दलित ने जब शोर मचाया तो वो लोग वहां से भाग निकले.
घटना के पंद्रह दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस ने अभी तक एफआईआर नहीं दर्ज की है. कार्रवाई न होने से आहत पीड़ित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है.
रहीमाबाद के बाकी नगर गांव निवासी रामबालक को तहसील प्रशासन ने जमीन आवंटित की थी. जिस पर लेखपाल ने नापकर कब्जा दिला दिया था. रामबालक 28 जुलाई को उक्त भूमि पर मेड़ बांध रहे थे, तभी गांव के ही अदनान अंसारी और सलमान अंसारी अपने कई साथियों के साथ आए और मेड़ बांधने से मना करते हुए कहा कि यह जमीन हमारी है. तब रामबालक ने आवंटन का हवाला देते हुए अपना हक जताया. इस पर उक्त लोगों ने रामबालक को अपशब्द कहे और पीटा. दोबारा जमीन पर कदम न रखने की धमकी दी. इस घटना से पूरा परिवार काफी डरा सहमा है.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।