
अहमदाबाद। गुजरात के पाटन में एक दलित कार्यकर्ता भाबु वणकर ने कलेक्टर कार्यालय के परिसर ख़ुद को आग लगा ली. घटना गुरुवार दोपहर एक बजे की है. आत्मदाह करने के बाद 95 फीसदी तक जल चुके वणकर की मौत हो गई. वणकर दादुखा गांव में दलितों को खेती के लिए ज़मीन आवंटन करवाने के लिए संघर्ष कर रहे थे.
वणुभाई पिछले तीन साल से समी तहसील पर दुदखा गांव में सरकारी जमीन पर दलित परिवार को कब्जा दिलवाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. हफ्तेभर पहले ही उन्होंने पत्र लिखकर प्रशासन को आत्मदाह की चेतावनी भी दी थी. इसको देखते हुए गुरुवार को कलेक्टर ऑफिस में भारी पुलिस बंदोबस्त था. फायर ब्रिगेड भी बुलवाई गई थी. इसके बावजूद भानुभाई ने खुद को आग लगा ली. घटना के बाद पाटन कलेक्टर आनंद पटेल ने कहा कि जिस जमीन पर कब्जा मांगा जा रहा है, वह 1955 से सरकार के पास है. सरकार को सिफारिश भेजी गई है. फैसला सरकार को करना है.
इस घटना के बाद दलित कार्यकर्ता और गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने शुक्रवार को पाटन बंद का ऐलान किया है. साथ ही मेहसाणा ज़िले के पुलिस प्रमुख के निलंबन की भी मांग की है. सामाजिक कार्यकर्ता की मौत के बाद स्थानीय दलित एकजुट होने लगे हैं और आंदोलन की तैयारी में है. इसको देखते हुए पाटन और आस-पास के ज़िलों से दो सौ पुलिसकर्मी और करीब सौ रिज़र्व बल के पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है.

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