छत्तीसगढ़ः बसपा-जोगी गठबंधन के साथ आई ये बड़ी पार्टी

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बहुजन समाज पार्टी और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस को एक और सफलता मिल गई है. प्रदेश में मायावती और जोगी गठबंधन में अब कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया यानि सीपीआई भी शामिल हो गई है. इस नए गठबंधन के बाद सीपीआई को दो सीटें दी गई है. सीपीआई बस्तर के दंतेवाड़ा और कोंटा सीट से अपने उम्मीदवार उतारेगी. दोनों ही सीटों पर सीपीआई का दबदबा है और पहले ये दोनों सीटें उसी के कब्जे में थी.

इस मामले में बसपा प्रमुख मायावती से हरी झंडी मिलने के बाद सीपीआई को गठबंधन में शामिल किया गया. यही नहीं, बल्कि बसपा ने सीपीआई के लिए अपने कोटे की दोनों सीटें छोड़ दी है. अब बसपा 35 की बजाय 33 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इससे यह भी साफ हो गया है कि कांग्रेस और भाजपा को रोकने के लिए बसपा कितनी गंभीर है. इस घोषणा के दौरान बसपा की ओर से छत्तीसगढ़ के प्रभारी और राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ भी मौजूद थे.

14 अक्टूबर को बसपा और सीपीआई के पदाधिकारियों के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में जनता कांग्रेस सुप्रीमो अजीत जोगी ने कहा कि “छत्तीसगढ़ में बसपा और छजकां गठबंधन की लोकप्रियता को देखते हुए सीपीआई भी हमारे साथ शामिल हो रही है. सीपीआई के शामिल होने से गठबंधन को मजबूती मिलेगी और बस्तर, सरगुजा व भिलाई में फायदा होगा. इससे मजूदर और किसान वर्ग के बीच हमारी ताकत और बढ़ेगी.

जहां तक सीपीआई का सवाल है तो बस्तर संभाग की दंतेवाड़ा और कोंटा सीटों पर सीपीआई की शुरू से ही बहुत मजबूत पकड़ रही है. अविभाजित मध्यप्रदेश के समय 1990 और 1993 के चुनावों में इन दोनों सीटों पर सीपीआई ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1998 के विधानसभा चुनावों में इन दोनों सीटों पर सीपीआई के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे. इस नए गठबंधन से अब प्रदेश भर के दलितों, आदिवासियों, कामगारों, मजदूरों और किसानों का एक ऐसा गठबंधन बन गया है, जो सबसे ज्यादा पीड़ित रहा है. वंचितों का यह गठजोर क्या गुल खिलाएगा, यह चुनाव के नतीजे तय करेंगे.

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