नई दिल्ली। काग्रेंस की नजर एक बार फिर दलित वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की है जिसके लिए वह एक बड़े दलित कॉन्क्लेव का आयोजन करने जा रही है. सत्ता खोने के बाद कांग्रेस एक बार फिर से दलितों, आदिवासियों व गरीबों को अपने साथ लाने की कोशिश में है. जिसके लिए कांग्रेस दलित व आदिवासी तबकों पर फोकस देने व उनसे जुड़े मुद्दों को उठाने में लगी है. इस बाबत कांग्रेस ने आने वाली 21 जुलाई से तीन दिन का एक अंतराष्ट्रीय कॉन्क्लेव करने की योजना बनाई है. बता दें की यह आयोजन 21 से 23 जुलाई तक कनार्टक के बेंगलुरू में आयेजित किया जा रहा है.
इस कॉनक्लेव को भीमराव अंबेडकर से जोड़ कर किया जायेगा. जानकारी के अनुसार इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में देश-विदेश से विद्वान व वक्ता आएंगे, जो सामाजिक अधिकारिता और अंबेडकर पर अपने विचार रखेंगे. इसमें आयोजन का उद्घाटन 21 जुलाई को राहुल गांधी करेंगे, वहीं अगले दिन अंबेडकर पर सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है.
दलित कॉनक्लेव के आयोजन के पीछे जहां एक वजह देश में दलितों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ मुद्दे को उठाना है्, वहीं इसे कहीं न कहीं कनार्टक में होने वाले असेंबली चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है. गौरतलब है कि कांग्रेस के सामने एक चुनौती कनार्टक में अपने किले को बचाने की भी रहेगी. बता दें की कर्नाटक में दलित वोट 24 फीसदी है जिसको पाले में लाने के लिए सभी पार्टियां संघर्ष करती नजर आ रही हैं.

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