पिछले कई सालों से यादव शक्ति त्रैमासिक पत्रिका से जुड़े बहुजन विचारक चंद्रभूषण सिंह यादव ने खुद को पत्रिका से अलग कर लिया है। श्री यादव संपादक राजवीर सिंह के कार्य करने के तरीके से सहमत नहीं थे। इस अलगाव की खबर खुद चंद्रभूषण सिंह यादव ने फेसबुक पर साझा किया है। उन्होंने जो लिखा है, उसे हम हू-ब-हू दे रहे हैं।
निः सन्देह “यादव शक्ति” पत्रिका उत्तर भारत में एक बहुजन पत्रिका के रुप में उभरी है। इसके सम्पादक मण्डल में प्रधान सम्पादक के रूप में कार्य करते रहने के बावजूद सम्पादक राजवीर सिंह जी द्वारा लोगों से असहज व्यवहार करने से काफी दिनों से मैं दुखी था। लेकिन पत्रिका चलती रहे तथा बहुजन जागृति का कारवां बाधित न हो इस हेतु खुद को दबा कर रखता रहा। परंतु 28 सितम्बर 2022 को दारुलशफा-लखनऊ के पत्रिका के कार्यालय में इलाहाबाद के एक साथी कलेक्टर पटेल जी से हाथ में कलावा की तरह का कुछ बांधे रखने के कारण उनसे किये गए अपमानजनक व्यवहार ने मुझे इतना आहत किया कि मैं इस निर्णय पर पँहुचने को विवश हो गया कि राजवीर सिंह जी से अलग हो जाऊं।
मेरी ऐसी धारणा है कि सामाजिक परिवर्तन का कार्य हम सामने वाले को कन्विंस कर करें, न कि उसे अपमानित करके।हम अपने तर्क व अकाट्य साक्ष्य आदि से आम आदमी को मोल्ड करें, न कि उसे लट्ठ मारकर। पर सम्पादक राजवीर सिंह जी सीधे लट्ठमार प्रहार कर लोगो को अपमानित करने में सिद्धहस्त हैं जो कत्तई उचित नहीं माना जा सकता। इसलिए बिना किसी विवाद के उनसे अलग हो जाना श्रेयस्कर रहेगा।
पुनः मैं कहूंगा कि सामाजिक परिवर्तन मिशन में निःसन्देह “यादव शक्ति” पत्रिका बेहतर असर डाल रही है परंतु सम्पादक राजवीर सिंह जी के कार्य व्यवहार से दुखी हो मैं खुद को इससे अलग कर रहा हूँ।
मेरी मंगलकामना है कि पत्रिका बेहतरीन कार्य करती रहे और इतने के बावजूद अपेक्षा रखता हूँ कि सम्पादक राजवीर सिंह जी मे सुधार हो।
-चन्द्रभूषण सिंह यादव
(29 सितम्बर 2022)

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