Monday, October 20, 2025

ओपीनियन

वोट के अधिकार से लेकर वोटों की चोरी तक, संघर्ष करता भारतीय लोकतंत्र

11 अगस्त को लुटियन दिल्ली की सड़कें जन प्रतिनिधियों (सांसदों) से पटी पड़ी थी। भारत के राजनीतिक इतिहास में यह संभवतः पहली बार हुआ जब 300 सांसद एक साथ सड़क पर उतरें। मुद्दा वोट चोरी का था। इस विरोध प्रदर्शन से एक घटना याद...

कल्पना सोरेन ने किया ससुर शिबू सोरेन को याद, लिखा भावुक पोस्ट

प्रिय बाबा, जब पूरा देश आपको अश्रुपूरित नेत्रों से विदा कर रहा है, मैंने एक कोना पकड़ लिया है, अपनी आधी जिंदगी जिस वटवृक्ष के साये में महफ़ूज़ हो कर काटी - आज आपके जाने से वह बेटी-सी बहू अपनी टूटी हुई हिम्मत बटोरने...

प्रो. नन्दू राम: भारतीय समाजशास्त्र को समग्रता प्रदान करने वाले समाजशास्त्री

भारतीय समाजशास्त्र में प्रो. नन्दू राम अगर अपनी लेखनी से भारत की एक-चौथाई जनता का समाजशास्त्रीय सच प्रकाशित एवं स्थापित नहीं करते तो भारतीय समाजशास्त्र कुछ वर्णों का ही समाजशास्त्र बनकर रह जाता। अपने अदम्य सहस एवं ज्ञान की गहराई  के आधार पर उन्होंने आई....

खामोश बौद्धिक योद्धा थे प्रोफेसर नंदू राम

कुछ नायक खामोश होते हैं। उनकी कोई प्रचारक सेना नहीं होती, कोई सोशल मीडिया कैंपेन नहीं चलता। वे न तो अपने संघर्ष की मार्केटिंग करते हैं, न ही उपलब्धियों का ढोल पीटते हैं। लेकिन उनके जाने के बाद, एक खालीपन रह जाता है, सिर्फ...

संविधान के साथ या नहीं

भारत एक विशेष दौर से गुज़र रहा है और जब तक ऐसा है, पक्ष या विपक्ष दोनों में से एक को चुनना होगा। कुछ समय के लिए विविधता, मतभेद, व्यक्तिगत आकांक्षा, महत्वाकांक्षा, व्यक्तिगत मत आदि को एक तरफ रखते हुए जो तानाशाही, सांप्रदायिकता और...

कुर्सी नहीं, जाति हटाइए

कभी-कभी एक तस्वीर, सौ भाषणों से ज्यादा कह जाती है। आंध्र प्रदेश की श्री वेंकटेश्वर वेटरनरी यूनिवर्सिटी में जमीन पर बैठे डॉ. रवि वर्मा की तस्वीर ऐसी ही है, जिसने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में जातिवाद की कलई एक बार फिर खोल दी है। ज़मीन...

इटावा में यादव कथावाचक के सिर पर हिन्दू जातिवाद की कुल्हाड़ी

जाति के नाम पर इंसान को जानवर से भी बदतर हालत में धकेल देना, यही है सनातनी हिन्दू धर्म की वह असली जड़, जिसे आप चाहे कितना भी चंदन से रगड़ लें, यह सड़ांध फैलाती रहेगी। इटावा के नागला नंदी गांव में जो हुआ,...

अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बीच पत्रकार ने खोला राज

(प्रदीप सुरीन) क्या आप जानते हैं कि एविएशन कवर करने वाले ज़्यादातर पत्रकार एयर इंडिया से यात्रा करने को सबसे लास्ट ऑप्शन रखते हैं। पिछले पंद्रह सालों में (जब से मैंने एविएशन कवर करना शुरु किया) मेरी भी सबसे लास्ट चॉइस एयर इंडिया ही...

बदहाल बिहार में फेल होती डबल इंजन की सरकार

(- सुशांत नेगी) बिहार बदहाल है। पिछले कई महीनों से बिहार से जिस तरह अपराध, हत्याएं, गुंडागर्दी और प्रशासनिक बदइंतजामी की खबरें आ रही है, उसने बीते सालों में बिहार की बदली हुई छवि को फिर से शर्मसार करना शुरू कर दिया है। बिहार के...

बोधगया महाविहार मुक्ति का आंदोलन और हिन्दू संगठनों की साजिश

बोधगया महाविहार को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने बोधगया मंदिर अधिनियम, 1949 को रद्द करने से संबंधित याचिका की अंतिम सुनवाई 29 जुलाई 2025 को निर्धारित कर दी है। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले...

एक फ्रेम में जस्टिस बी.आर. गवई और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, लोकतंत्र में क्या है इस तस्वीर के मायने

18 साल पहले 14 जनवरी 2007 की तारीख भारतीय इतिहास में दर्ज हो गई थी, जब जस्टिस के.जी. बालकृष्णन ने भारत के 37वें मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ ली। जस्टिस के. जी. बालकृष्णन की यह नियुक्ति भारतीय न्यायपालिका में एक ऐतिहासिक क्षण था,...

दलितों के बौद्ध धर्म में धर्मांतरण का उनकी मुक्ति में योगदान

 डॉ. बी.आर. अंबेडकर के मार्गदर्शन में दलितों का बौद्ध धर्म में धर्मांतरण, जिसकी परिणति 14 अक्टूबर, 1956 को नागपुर में सामूहिक धर्मांतरण कार्यक्रम में हुई, उनकी मुक्ति में एक महत्वपूर्ण क्षण था। इस आंदोलन को अक्सर अंबेडकरवादी या नव-बौद्ध आंदोलन कहा जाता है, जिसने दलितों को हिंदू धर्म में व्याप्त...

एक ठाकुर का प्रायश्चित

(लेखकः यशवंत) राम सिहासन प्रेम भइया रिटायर हो गए। वे मेरे गाँव के उन कुछ विशिष्ट लोगों में शामिल हैं, जो पढ़ लिखकर प्रशासनिक अफसर बने। आईएएस अफसर के पद से सेवानिवृत्ति ली। रेवन्यू बोर्ड में लंबे समय से थे। उसके पहले मुख्य विकास...

कश्मीर में आतंकी हमले के बीच उठते सवाल

जम्मू-कश्मीर का पहलगाम आतंकी हमले से ऐसा गूंजा है कि उसकी गूंज देश भर में महसूस की जा रही है। मंगलवार 22 अप्रैल को दोपहर तीन बजे के करीब हुए इस आतंकी हमले में 28 नागरिकों की जान चली गई। इसमें दो विदेशी पर्यटक...

टाटा कंस्लटेंसी सर्विसेज को कौड़ियों के भाव जमीन देना कितना जायज

अगर किसी कमजोर व्यक्ति के ऊपर बैंक के कुछ लाख रुपये बकाया हो जाए तो बैंक जब्ती के आदेश निकाल देती है। अगर कोई साधारण व्यक्ति बैंक से लोन लेने जाए तो उसे इतने पापड़ बेलने पड़ते हैं कि वह लोन की बात ही...

देश को मिलेगा दूसरा दलित चीफ जस्टिस, बी.आर. गवई के आने से क्या कुछ बदलेगा?

उच्चतम न्यायलय के न्यायाधीश बी.आर. गवई यानी भूषण रामकृष्ण गवई भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने केंद्रीय कानून मंत्रालय को उनके नाम का प्रस्ताव भेज दिया है। सीजीआई खन्ना 13 मई को रिटायर हो रहे हैं। इसके बाद...

फुले फिल्म पर सेंसरशिप से उठे सवाल, चुनिंदा सेंसरशिप क्यों?

‘द स्टोरीटेलर’ जैसे गुणवत्तापूर्ण, संवेदनशील और अर्थपूर्ण फिल्म बनाने वाले राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अनंत महादेवन निर्देशित ‘फुले’ फिल्म प्रदर्शन से पहले ही जबरदस्त विवादों में फँस गई है। ‘फुले’ मूलतः 11 अप्रैल 2025 को प्रदर्शित होने वाली थी, लेकिन महाराष्ट्र की कुछ ब्राह्मण संघटनों...

कांग्रेस और डॉ. अंबेडकर को आमने-सामने खड़ा करने का भाजपाई षड्यंत्र

डॉ. अंबेडकर ही एक ऐसे महापुरुष हैं जिनका जन्मदिन, उनके जन्मदिन से पहले और सप्ताह और महीनों बाद तक मनाया जाता रहता है। संविधान निर्माण में डॉ. अम्बेडकर की भूमिका के बारे में कौन नहीं जानता? संविधान में बहुत सारे प्रावधान हैं लेकिन अभी...

यदि डॉ. आंबेडकर प्रधानमंत्री होते?

नेहरू की जगह सरदार पटेल पी.एम. होते तो देश के हालात कुछ और होते। ये सवाल नेहरू या कांग्रेस से नाराज हर नेता या राजनीतिक दल खासकर संघी/ जनसंघी/ भाजपायी हमेशा उठाते रहे हैं। समय समय पर समाचार पत्र और पत्रिकाओं में भी इसकी...
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कास्ट मैटर्स

अंबेडकर यूनिवर्सिटी लखनऊ में दलितों-पिछड़ों पर हमला

लखनऊ। लखनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में बुधवार 17 सितंबर को धार्मिक आयोजन को लेकर विवाद हो गया। बाद में यह विवाद हिंसक...

वीडियो

ओपीनियन

IPS पूरन कुमार की आत्महत्या पर महिला IAS का पोस्ट, उठाए गंभीर सवाल

*रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई* *तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई* आपको इस तरह नहीं जाना चाहिए था, सर। आपको क्या किसी...

राजनीति

बिहार चुनाव से पहले दलितों-आदिवासियों से तेजस्वी यादव के 17 वादे

पटना। आंकड़े बताते हैं कि बिहार का हर पाँचवाँ वोटर दलित है। ऐसे में इस चुनाव में दलित मतदाता सबके लिए अहम बने हुए...
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