Saturday, October 18, 2025

सम्पादकीय

अस्सी और नब्बे के दशक में अनबुझ पहेली जैसे थे कांशीराम

मान्यवर कांशीराम का जन्म पंद्रह मार्च1934 को हुआ. प्यार से लोग उन्हें साहब या आदरवश मान्यवर कहते हैं. वह अभी तक के एक ऐसे नायक रहे हैं, जिनका समग्रता से आंकलन होना बाकी है. अस्सी और नब्बे के दशक में उनका व्यक्तित्व अनबुझ पहेली...

… तो जेएनयू की लाल दीवारों पर चटख नीली स्याही पुत जाएगी

अम्बेडकरी आंदोलन से जुड़े लोगों के लिए जेएनयू छात्रसंघ के नतीजे एक नई उम्मीद लेकर आए हैं. अम्बेडकर-फुले विचारधारा के वाहक ''''''''''''''''बिरसा अम्बेडकर फुले स्टूडेंट एसोसिएशन'''''''''''''''' यानि बपसा ने जिस तरह से छात्रसंघ चुनाव में प्रदर्शन किया है, उसने यह साफ कर दिया है...

अठावले ने यह साबित कर दिया कि उन्होंने अपनी स्वतंत्रता नागपुर में गिरवी रख दी है

भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री माननीय रामदास अठावले का एक बयान आया है. अठावले के लिए लिखते समय उनका इतना विस्तृत परिचय देने की एक वजह है. शायद वह इन्हीं संबोधनों के भूखे हैं. क्योंकि मंत्रीपद मिलने के बाद उनके तेवर...

रमणिका गुप्ता और अंतरंगता का उत्सव

मैं रमणिका गुप्ता (जी) को नहीं जानता. मतलब बहुत अच्छे से नहीं जानता. उन्होंने जो किताबें लिखी हैं, उनके बारे में जानता हूं. उनकी मैग्जीन, उनके प्रकाशन और आदिवासियों के लिए किए गए उनके काम के बारे में जानता हूं. उनकी व्यक्तिगत जिंदगी के...

मौर्या जी, आप चले तो गए, करेंगे क्या?

मौर्या जी, सबसे पहले तो यह नहीं समझ पा रहा हूं कि आपका अभिवादन ‘जय भीम’ से करूं या फिर ‘कुछ और’ कहूं. खैर पाला आपने बदला है, हमारी विचारधारा आज भी वहीं है सो आपको जय भीम. कुछ महीने पहले ही आपसे रायबरेली...

गुजरात के भाईयों के नाम ‘दलित दस्तक’ का खत

वाह, क्या शानदार काम किया है आपलोगों ने. अब ‘भद्र समाज’ के लोगों को अपनी ‘औकात’ का पता चल जाएगा. मार-पीट तो आपके साथ काफी पहले से होती रही है. थानगढ़ और मेहसाना जैसी जगहों से तो आपकी पीड़ा हर रोज सामने आती है....

बसपा की तैयारी और विपक्षी दलों की बेचैनी

उत्तर प्रदेश का चुनावी माहौल गरमा गया है. बहुजन समाज पार्टी ने अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं. पार्टी की अध्यक्ष मायावती जिस तरीके से उत्तर प्रदेश के मुद्दों को लेकर लगातार मुखर हैं, उसने विपक्षी दलों की बेचैनी बढ़ा दी है. उन्होंने...

पत्रिका का पांचवा वर्ष

जून का  अंक ‘दलित दस्तक’ का पांचवे वर्ष का पहला अंक है. सुनने में कितना शानदार लगता है ना. आंखों के सामने 27 जून, 2012 की वह तारीख घूम जाती है जिस दिन आधी-अधूरी समझ के साथ हमने यह मैगजीन शुरू की थी. पारिवारिक...

माता सावित्रीबाई फुले को सलाम

आप टीना डॉबी के लिए उत्साहित होइए. उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में टॉप किया है. यूपी बोर्ड का रिजल्ट भी आ गया है. हाई स्कूल की परीक्षा में रायबरेली की सौम्या पटेल और इंटर में बाराबंकी की साक्षी वर्मा टॉपर रही है. ऐसे ही...

बसपा की तैयारी और विपक्षी दलों की बेचैनी

उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं. पार्टी की अध्यक्ष मायावती जिस तरीके से उत्तर प्रदेश के मुद्दों को लेकर लगातार मुखर हैं, उसने विपक्षी दलों की बेचैनी बढ़ा दी है. बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर की...

सम्राट अशोक और डॉ. अम्बेडकर के सपनों का भारत

ठीक से तो याद नहीं लेकिन शायद जब हम चौथी या पांचवीं में पढ़ रहे थे; तब पहली बार डॉ. अम्बेडकर का नाम सामने आया था. हम रट्टा मारा करते थे कि भारत का संविधान किसने बनाया और जवाब में डॉ. भीमराव अम्बेडकर का...

बुद्धमय भारत के लिए निरंतर आंदोलन जरूरी

बहुजन आंदोलन के लिए मार्च से लेकर मई तक तीन महीने बड़े महत्वपूर्ण होते हैं. मार्च में इस देश में सालों तक राज करने वाले सत्ताधिकारियों की सत्ता का गणित बिगाड़ देने वाले मान्यवर कांशीराम जी की जयंती होती है. अप्रैल में बहुजन समाज...

हमें भी तुम्हारी देशभक्ति का सबूत चाहिए

कांशीराम जी कहा करते थे कि बहुजन समाज को एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि जब कभी भी ''ब्राह्मण समाज” देश संकट में है ऐसा कह कर शोर मचाये तो आपको समझ जाना चाहिए कि ''ब्राह्मण'' सामाजिक तौर पर अकेला पड़ गया है....

जीत पक्की है, बस लड़ाई शुरू करना है

रोहित ने आत्महत्या कर ली है. रोहित होनहार छात्र था, आम्बेडकरवादी था, बावजूद उसने आत्महत्या कर ली, इस बात से मैं परेशान हूं. तमाम लोग रोहित के जाने को शहादत मान रहे हैं, मैं उसे लड़ाई से भागना मान रहा हूं. हो सकता है...
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कास्ट मैटर्स

अंबेडकर यूनिवर्सिटी लखनऊ में दलितों-पिछड़ों पर हमला

लखनऊ। लखनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में बुधवार 17 सितंबर को धार्मिक आयोजन को लेकर विवाद हो गया। बाद में यह विवाद हिंसक...

वीडियो

ओपीनियन

IPS पूरन कुमार की आत्महत्या पर महिला IAS का पोस्ट, उठाए गंभीर सवाल

*रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई* *तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई* आपको इस तरह नहीं जाना चाहिए था, सर। आपको क्या किसी...

राजनीति

बिहार चुनाव से पहले दलितों-आदिवासियों से तेजस्वी यादव के 17 वादे

पटना। आंकड़े बताते हैं कि बिहार का हर पाँचवाँ वोटर दलित है। ऐसे में इस चुनाव में दलित मतदाता सबके लिए अहम बने हुए...
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