लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज 26 मई को लखनऊ में हुई. इस दौरान बसपा प्रमुख मायवती ने कई अहम फैसले किए. सबसे प्रमुख बदलाव पार्टी के संविधान में किया गया, जिसके मुताबिक यह व्यवस्था की गई है कि किसी विशेष परिस्थिति में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सक्रिय न रहने पर वह राष्ट्रीय संरक्षक बन जाएगा और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को उनके निर्देश में काम करना होगा. पार्टी में पहली बार कुछ अहम पद भी बनाया गया है तो साथ ही पार्टी को परिवारवाद से मुक्त करने को लेकर भी अहम संशोधन किया गया है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में जिन अहम बिन्दुओं का जिक्र किया गया उसे हम सिलसिलेवार बता रहे हैं.
(1) विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती जी को भी मिलाकर व उनके बाद अब आगे भी बी.एस.पी. का जो भी ‘‘राष्ट्रीय अध्यक्ष’’ बनाया जायेगा, उसके जीते-जी व ना रहने की स्थिति में भी उसके परिवार के किसी भी नजदीकी सदस्य को पार्टी संगठन में किसी भी स्तर के पद पर नहीं रखा जायेगा. अगर परिवार का सदस्य पार्टी में काम करना चाहे तो उसे बिना किसी पद पर रहे एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में ही काम करना होगा.

(2) बी.एस.पी. का राष्ट्रीय अध्यक्ष यदि अपनी ज्यादा उम्र होने की वजह से पार्टी में फील्ड का कार्य करने में अपने आपको कमजोर महसूस करता है तो ऐसी स्थिति में उसकी सहमति से उसे पार्टी का ‘‘राष्ट्रीय संरक्षक’’ नियुक्त कर दिया जायेगा. उसी की सलाह से बी.एस.पी. का नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष काम करेगा.
(3) बहुजन समाज पार्टी में पहली बार ’नेशनल को-आर्डिनेटर’ की नियुक्ति की गई है. पहले चरण में इस पद पर दो लोगों को नियुक्त किया गया है. इस पद पर पार्टी के राज्यसभा सांसद एडवोकेट वीर सिंह व जयप्रकाश सिंह को नियुक्त किया गया है. आने वाले दिनों में इस पद पर और नियुक्तियां भी हो सकती हैं.

(4) पार्टी के पुराने नेता आर.एस.कुशवाहा को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. जबकि निवर्तमान अध्यक्ष श्री राम अचल राजभर का प्रमोशन कर उन्हें और बड़ी जिम्मेदारी देते हुए राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. रामअचल राजभर को तीन राज्यों का को-ओर्डिनेटर भी बनाया गया है.
(5) राज्यसभा सांसद और कर्नाटक के प्रभारी अशोक सिद्धार्थ को कर्नाटक में बेहतर रणनीति बनाने के लिए ईनाम मिला है. उन्हें दक्षिण भारत के तीन राज्यों का को-आर्डिनेटर नियुक्त किया गया है. इसके अलावा लालजी वर्मा को छत्तीसगढ़ का को-आर्डिनेटर बनाया गया है.
(6) गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों के बीच बसपा प्रमुख सुश्री मायावती ने साफ किया है कि बी.एस.पी. विधानसभा या लोकसभा चुनाव में केवल तभी चुनावी गठबंधन करेगी, जब उसे ‘‘सम्मानजनक’’ सीटें मिलेंगी. ऐसा नहीं होने की स्थिति में हमारी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी.

(7) गठबंधन पर अपनी स्थिति को और ज्यादा साफ करते हुए सुश्री मायावती ने अपने बयान में कहा है कि उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में गठबंधन करके चुनाव लड़ने की बातचीत चल रही है. हालांकि उन्होंने कार्यकर्ताओं से यह भी आवाह्न किया है कि फिर भी पार्टी संगठन को हर परिस्थिति का मुकाबला करने के लिये तैयार रहना होगा.
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अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।
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