भाजपा के झूठे दलित प्रेम की पोल खोलने के लिए बहुजन समाज पार्टी ने अपनी कमर कस ली है. इसके लिए बसपा ने दलित बाहुल्य गांवों में चौपाल लगाने का फैसला किया है. इस चौपाल में बसपा नेता भाजपा सरकार द्वारा किए जाने वाले दलित विरोधी कामों की पोल खोलेंगे. इस चौपाल में जिला कोऑर्डिनेटर के साथ क्षेत्रीय बसपा नेता भी शामिल होंगे. चौपाल कार्यक्रम की शुरुआत अगले महीने से होगी.
दरअसल भाजपा उत्तर प्रदेश में दलितों को अपने पाले में लाने के लिए ग्राम स्वराज अभियान चला रही है, जिसके तहत मुख्यमंत्री से लेकर डिप्टी सीएम, मंत्री, सांसद और विधायक गांवों में चौपाल लगाने से लेकर दलित के घर खाना खा रहे हैं. इस दौरान भाजपा नेताओं द्वारा दलित समाज के घर होटल से खाना मंगवा कर खाने सहित अपने ही महिला मंत्री से खाना बनवा कर खाने की खबर सामने आ चुकी है. बहुजन समाज पार्टी ने इस सच्चाई को दलित समाज तक पहुंचाने का फैसला किया है. बसपा नेताओं द्वारा लगाया जाने वाला चौपाल इसी पोल-खोल की कड़ी का हिस्सा है. इसमें बसपा नेता दलित समाज के लोगों को सरकार और भाजपा नेताओं की सच्चाई से अवगत करवाएंगे.
2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए चौपाल के जरिए बसपा बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने की कवायद में भी जुट गई है. बसपा प्रमुख मायावती ने भी पार्टी पदाधिकारियों को बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा उन्होंने पार्टी से युवाओं को जोड़ने का भी निर्देश दिया है. दरअसल, बसपा लोकसभा चुनाव से पहले बूथ स्तर तक संगठन को खड़ा करना चाहती है. इसके लिए जोनल प्रभारियों को काम पर लगाया गया है.
बसपा के चौपालों में एक ओर जहां बीजेपी सरकार द्वारा किए गए दलित विरोधी कार्यों की जानकारी दी जाएगी. दूसरी ओर बसपा सरकार में हुए दलित हितों के लिए किए गए कार्यों को बताया जाएगा. बसपा का मानना है कि चौपाल के माध्यम से वह बीजेपी के झूठे दलित प्रेम का पर्दाफाश कर सकेगी. भाजपा के ग्राम स्वराज अभियान के जवाब में बसपा की इस चौपाल ने जहां उत्तर प्रदेश की राजनीति को दिलचस्प बना दिया है. तो वहीं इससे बहुजन समाज पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को भी यह संदेश दे दिया है कि वह 2019 के लिए अपनी कमर कस लें.
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