नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमो मायावती का राज्यसभा से इस्तीफा मंजूर हो गया है. वह इस सिलसिले में दोबारा उपराष्ट्रपति से मिली थीं. वहां पर उन्होंने एक लाइन का इस्तीफा उनको दिया. उसके बाद इस्तीफे को स्वीकार कर लिया गया. दरअसल इससे पहले तीन पेज का अपना इस्तीफा उन्होंने सभापति से मिलकर दिया था लेकिन उस पर फैसला नहीं हो पाया. उसकी वजह यह बताई गई कि उनके द्वारा दिया गया इस्तीफा तयशुदा प्रारूप में नहीं था. इसलिए मायावती को दूसरी बार एक लाइन में अपना इस्तीफा तयशुदा रूप में देना पड़ा, जिसको स्वीकार कर लिया गया.
मायावती ने मंगलवार शाम को सभापति हामिद अंसारी से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपा था. उन्होंने तीन पेज में अपना इस्तीफा सौंपा है. पत्र में उन्होंने मुख्य रूप से दो बातों पर आपत्ति जताई है. एक-उन्हें सत्ता पक्ष के मंत्रियों और सदस्यों ने सदन में बोलने से रोका. दूसरा-कार्य स्थगन के नोटिस पर बोलने के लिए तीन मिनट की समय सीमा किसी नियम में तय नहीं है.
इस मुद्दे पर सदन में काफी हंगामा मचा. उसके बाद बुधवार को राज्यसभा के सभापति पीजे कुरियन ने मायावती से अपना इस्तीफा वापस लेने की अपील की. सभापति ने कहा कि सदन की इच्छा है कि मायावती अपना इस्तीफा वापस लें.
गौरतलब है कि सहारनपुर हिंसा पर सदन में न बोल पाने के कारण मायावती ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. तीन पेज का अपना इस्तीफा उन्होंने सभापति से मिलकर दिया. मायावती इस बात से नाराज थीं कि शून्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में दलितों पर हुए अत्याचारों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश करने के बाद उन्हें बोलने के लिए सिर्फ तीन मिनट का समय दिया गया.

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