पटना। बिहार के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और जदयू के नेता उदय नारायण चौधरी पर हमले की खबर है. नवादा जिले में कुछ असमाजिक तत्वों ने हमला कर दिया. चौधरी नवादा जिले के अपसड़ गांव में महादलित टोले में एक मांझी की हत्या के बाद मामले की जांच के सिलसिले में वहां पहुंचे थे. चौधरी के मुताबिक इस दौरान उन्हें पीड़ित परिजनों से बातचीत करने से रोका गया और उन पर हमला हुआ. चौधरी वहां से किसी तरह बच कर निकले.
पूर्व विस अध्यक्ष उदय नारायण ने कहा कि उनपर हमला किया गया. पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया गया. मेरे साथ के सुरक्षा कर्मी ने बीच बचाव किया, अन्यथा कोई बड़ी घटना हो सकती थी. जान भी जा सकती थी. उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए की सरकार में महादलित असुरक्षित हैं.
असल में नवादा में दलित समाज की एक लड़की के साथ बलात्कार करने की कोशिश की गई. इसका विरोध करने पर टाला मांझी को जलाकर मार दिया गया. उदय नारायण चौधरी उसी से मिलने गए थे. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि इस दौरान उन्हें पीड़ितों से बात करने से मना किया गया. इसके बावजदू मैंने बात करने की कोशिश की. तब मुझे गाली दी गई. हाथ उठाया गया. स्थानीय पुलिस के सामने ऐसा किया गया. यदि मैं वहां से बचकर नहीं निकलता, तो मेरी हत्या हो जाती.
उन्होंने कहा कि पूरे देश में दलितों पर हमला बढ़ा हुआ है. चाहे बात रोहित वेमुला की हो, भीम आर्मी के चंद्रशेखर की या फिर सहारनपुर की, हर जगह दलितों पर अत्याचार बढ़ गये हैं. बिहार के खगडि़या में दीवाली के दिन 86 दलितों का घर जला दिया गया. जब मैं विधानसभा का अध्यक्ष रहा और मेरे साथ इस तरह की वारदात हुई तो आम दलितों के साथ क्या होता है, इसका सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है. हालांकि इस मामले पर नवादा के एसपी विकास बर्मन ने किसी तरह का हमला होने से इंकार किया है.

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