पिछड़ों की राजनीति कर केंद्र की सत्ता में लंबे समय से मंत्री पद पर बैठी अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल पर पिछड़ों का ही हक मारने का गंभीर आरोप लगा है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में टेक्निकल एजुकेशन मंत्री आशीष पटेल पर लगे इन आरोपों ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। दरअसल उत्तर प्रदेश के टेक्निकल एजुकेशन डिपार्टमेंट में विभागाध्यक्ष के 177 पदों पर हुई पदोन्नति हुई थी। आशीष पटेल पर इसी में अनियमितता का आरोप लगा है। समाजवादी पार्टी की विधायक और अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने इस मामले में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की थी। तो रविवार 5 जनवरी को उन्होंने आशीष पटेल के पूर्व ओएसडी राजकुमार पटेल के साथ प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें पूर्व ओएसडी ने मीडिया के सामने आरोप लगाया कि उन्होंने अनियमितताओं के बारे में आशीष पटेल को शुरू में ही चेताया था, लेकिन उनकी बातों की अनदेखी की गई। पूर्व ओएसडी के बयान के बाद आशीष पटेल बुरी तरह से घिर गए हैं।
पल्लवी पटेल ने इस मामले को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष उठाते हुए 9 दिसंबर 2024 को जारी हुए डीपीसी शासनादेश को तत्काल निरस्त करने और विशेष जांच टीम (SIT) गठित कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। सपा विधायक पल्लवी पटेल ने आरोप लगाया है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के 45 पदों को असंवैधानिक तरीके से भरा गया। सामान्य प्रक्रिया के तहत इन पदों पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के माध्यम से सीधी भर्ती होनी चाहिए थी। लेकिन इन पदों को विभागीय पदोन्नति के माध्यम से भर दिया, जो नियमानुसार गलत है। पल्लवी पटेल ने दावा किया कि यह पूरी प्रक्रिया आरक्षण नीति और विभागीय नियमों के खिलाफ है। दिलचस्प यह है कि पल्लवी पटेल जिस आशीष पटेल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही हैं, वह उनकी बहन अनुप्रिया पटेल के पति हैं। अनुप्रिया पटेल अपना दल (एस) की अध्यक्ष हैं। साथ ही केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं। दोनों बहनों में छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर है।
इन आरोपों से बैकफुट पर आए मंत्री आशीष पटेल ने इसे राजनीतिक साजिश बताया है। उनका कहना है कि ऐसा आरोप लगाकर उनकी छवि को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। खुद को पाक-साफ साबित करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके द्वारा लिए गए सभी फैसलों की सीबीआई जांच कराने की मांग कर डाली है।
दूसरी ओर इस मामले को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी आशीष पटेल पर मंत्री पद का दुरुपयोग किये जाने का आरोप लगाया है। अखिलेश यादव का कहना है कि “आरक्षण नीति का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सरकार दलितों और पिछड़ों के अधिकारों का हनन कर रही है।”
मंत्री आशीष पटेल पर लगे ये आरोप उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ी हलचल पैदा कर सकते हैं। एक बड़ा सवाल यह भी है कि जो अनुप्रिया पटेल पिछड़ों की राजनीति कर मंत्री पद तक पहुंची हैं, क्या उनके ही पति पिछड़ों का हक मार रहे हैं। जहां तक आशीष पटेल का सवाल है तो एक तरफ उन पर पिछड़ों का हक मारने का आरोप लग रहे है तो वहीं वह योगी सरकार के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं।
आशीष पटेल सीएम योगी के दो करीबी अफसरों पर लगातार हमलावर हैं। इसमें सूचना निदेशक शिशिर सिंह और STF चीफ अमिताभ यश शामिल हैं। शिशिर सिंह वो अधिकारी हैं, जो योगी सरकार की उपलब्धियों को आम जनता तक पहुंचा रहे हैं। इससे सीएम योगी की प्रसिद्धि लगातार बढ़ रही है। अब सवाल ये है कि ‘गठबंधन कोटे’ से मंत्री आशीष पटेल इन्हीं दो पर सवाल क्यों उठा रहे हैं, और किसके इशारे पर उठा रहे है।
लखनऊ के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा आम है कि जिस तरह मोदी के बाद कौन? के सवाल के बीच, योगी आदित्यनाथ और अमित शाह आमने-सामने खड़े हैं, और योगी अमित शाह से आगे दिख रहे हैं, वैसे में कहीं आशीष पटेल दिल्ली के इशारे पर तो यह नहीं कर रहे हैं? इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने आशीष पटेल को बुलाकर कड़ी नसीहत भी दे डाली है। चर्चा है कि आशीष पटेल पर जल्दी ही सीएम योगी कड़ा एक्शन ले सकते हैं।