लखनऊ। पिछले दिनों हुए उपचुनाव में दलितों और पिछड़ों के लिए सांप-छुछूंदर जैसी भाषा का प्रयोग करने वाले और मुलाकात से पहले दलितों को साबुन भेजने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ को लखनऊ स्थित अम्बेडकर महासभा ने ‘दलित मित्र अवार्ड’ देने का फैसला किया है. सूचना है कि लखनऊ में 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके पर योगी को ‘दलित मित्र’ का सम्मान दिया जाएगा. अम्बेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल हैं.
इस सूचना के सामने आते ही अम्बेडकरवादियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है और निर्मल के फैसले का पुरजोर विरोध शुरू कर दिया है. 1998 में स्थापित महासभा के दो संस्थापक सदस्यों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को दलित मित्र सम्मान दिए जाने के ऐलान का विरोध किया हैं. पूर्व आईजी एसआर दारापुरी सहित दो सदस्यों ने योगी को सम्मान दिए जाने का विरोध करने की धमकी दी है. उन्होंने अंबेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल पर बीजेपी के हाथों में खेलने का आरोप लगाया है.
योगी सरकार लगातार दलितों के निशाने पर है. 2 अप्रैल को दलित समाज द्वारा किए गए भारत बंद के बाद भी यूपी में तमाम दलित युवाओं की धड़-पकड़ जारी है, तो कईयों पर रासुका लगा दिया गया है. इसके पहले उत्तर प्रदेश में ही राज्यपाल राम नाईक की सलाह पर अंबेडकर के नाम में उनके पिता का नाम भी जोड़ दिया गया है. इसको लेकर भी दलित संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं.