लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 की सात चरणों की मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब मतदाताओं से ज्यादा राजनीतिक पार्टियों को 23 मई को होनी वाली मतगणना का बेसब्री से इंतजार है. रविवार को अंतिम चरण के बाद आए तमाम एग्जिट पोल के रुझानों ने राजनीतिक दलों की बेचैनी और बढ़ा दी है. विशेष तौर पर विपक्षी पार्टियों को 23 मई की मतगणना के दौरान किसी चमत्कार का इंतजार है.
एग्जिट पोल के रुझानों के बाद राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनानी भी शुरू कर दी है. वहीं कुछ दल वेट एंड वॉच की नीति अपना रहे हैं. इन सबके बीच बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती का आज दिल्ली जाने का कार्यक्रम था. कल देर शाम एग्जिट पोल आने के बाद उनका दिल्ली जाने का यह कार्यक्रम रद हो गया.
दिल्ली में आज मायावती की संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मुलाकात होनी थी. दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने एग्जिट पोल के रुझान आने के बाद सभी विपक्षी पार्टियों से एकजुट रहने की अपील की है.
बसपा प्रमुख मायावती की आज दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी से मुलाकात होनी थी. इनके बीच मुलाकात की खबरों के बीच बसपा ने कहा है कि उनकी कोई बैठक नहीं है. पहले बताया जा रहा था कि मायावती सोमवार को राहुल और सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगी. लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस पर मायावती के तीखे हमलों के बाद इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा था, लेकिन बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि मायावती जी का आज दिल्ली में कोई प्रोग्राम या बैठक नहीं है. वह लखनऊ में रहेंगीं.
मायावती ने लोकसभा में प्रचार के दौरान भाजपा व कांग्रेस दोनों पर लगातार हमला बोला था. मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ा है. यूपी के गठबंधन में कांग्रेस को बाहर रखने के बाद भी मायावती ने अपने समर्थकों से अपील की थी कि राहुल गांधी की संसदीय सीट अमेठी और सोनिया गांधी की सीट रायबरेली में कांग्रेस को वोट दें. सपा-बसपा ने इन दोनों सीटों से अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे.
देश में गैर भाजपा व कांग्रेस की सरकार के गठन का प्रयास करने में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू सबसे सक्रिय हैं. लखनऊ में अखिलेश यादव व मायावती से मिलने के बाद दिल्ली में राहुल गांधी व अन्य नेताओं से मिले. लखनऊ आने से पहले वह शरद पवार, सीताराम येचुरी, शरद यादव तथा अरविंद केजरीवाल से भी मिले थे. नायडू विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर विपक्ष को एक करने में प्रयास में लगे हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस अब तीसरे मोर्चे के समर्थन से सरकार बनाने की कोशिश में जुट गई है.
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